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पोंग डैम से पंजाब में एक बार फिर बाढ़ का खतरा, तलवाड़ा के पोंग डैम से 26 हजार कयूसिक पानी छोडऩे की आई चेतावनी

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा और लबालब पानी से भरे भाखड़ा डैम द्वारा सतलुज और ब्यास दरिया के किनारों पर बसे सेकड़ों गांवों व कस्बों के लोग बाढ़ से आई आफत के दौरान मुसीबतों के दर्द से अभी उभरे भी नहीं थे

लुधियाना- मुकेरिया : पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी वर्षा और लबालब पानी से भरे भाखड़ा डैम द्वारा सतलुज और ब्यास दरिया के किनारों पर बसे सेकड़ों गांवों व कस्बों के लोग बाढ़ से आई आफत के दौरान मुसीबतों के दर्द से अभी उभरे भी नहीं थे, आज एक बार फिर बी.बी.एम.बी प्रशासन द्वारा पोंग डैम तलवाड़ा की झील में अधिक हो रहे पानी के स्तर को देखते हुए आगामी 24 घंटों के दौरान 26 हजार कयूसिक पानी दरिया में छोडऩे की चेतावनी दी गई है। जिस कारण पंजाब के लोगों में सहमसा माहौल पाया जा रहा है। डरे हुए ग्रामीण इलाकों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने का सिलसिला जारी रखा है। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पेांग डैम तलवाड़ा में पानी का स्तर 1386 के आसपास है, परंतु लोगों की सुरक्षा को देखते हुए आज जिला प्रशासन द्वारा डिप्टी कमीश्रर होशियारपुर के ओदशों के बाद जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में मुकेरिया, डसूहा, टांडा और सियानी क्षेत्र तक ब्यास दरिया के किनारों पर लगते गांवों के लोगों को हाई अलर्ट करते इसकी मुनादी करवाने की सूचना है। 
उधर जालंधर के नजदीक लोइयां खास इलाके में जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों 7 बजे सतलुज दरिया में आई बाढ़ के कारण गांव जानियां के नजदीक धुसी बांध में पाए गए 500 फुट की दरार को पूरा किया गया था। अभी इसी बांध को पूरा हुए 24 घंटे तक वक्त व्यतीत भी नहीं हुआ था कि आज सुबह सवेरे 4 बजे यह बांध पुन: टूट गया, जिस कारण इसी इलाके के लोगों में डर का माहौल पाया गया है। वही प्रशासन द्वारा इस बांध को पुन: बांधने की कोशिशें शुरू कर दी गई है। 
स्मरण रहे कि नवांशहर रोपड़ समेत सूबे के 13 जिलों में इन दिनों बाढ़ का प्रकोप से प्रभावित है। सतलुज दरिया के किनारे 300 से ज्यादा गांवों में बाढ़ रूद्र रूप दिखा रही है। कई दरियाओं के किनारे कट चुके है और पानी गांवों में घुसा हुआ है। अवैध खनन और पेड़ों की कटाई ने नदी के किनारों को इतना कमजोर कर दिया कि वे पानी का दबाव सहन नहीं कर रहे। प्रशासनिक लापरवाहियों के चलते सतलुज और ब्यास दरिया के किनारे बसे लोगों में एक बार फिर सहम सा माहौल है। 
सुनीलराय कामरेड 

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