लुधियाना- अमृतसर, : लंबे समय से अलग-अलग कारणों और मन-मुटाव के चलते सिख पंथ से छेके जा चुके गुरू सिखों की वापिसी के लिए बहुत जल्द श्री अकाल तख्त साहिब का प्रयास सफल हो सकता है, इसी संबंध में अलग-अलग सिख आगुओं द्वारा जत्थेदार अकाल तख्त साहिब से संपर्क साधा जा रहा है।
हाल ही में अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष व दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से मांग की है कि जो व्यक्ति समय समय पर पंथ से निष्कासित किए जाए चुके उनको गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व पर दोबारा सिख कौम में शामिल किया जाए। ताकि यह बुद्धिजीवी व अन्य व्यक्ति दोबारा सिखी के साथ जुड़ कर पंथक जीवन व्यतीत कर सके।
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इस मांग को लेकर सरना की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। उधर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिहं ने कहा कि मामला काफी गंभीर है, वह इस मामले को पांच ङ्क्षसह साहिबान की बैठक में लेकर जाएंगे। जो भी फैसला बैठक में होगा उस अनुसार कार्रवाइ होगी।
सरना ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा कि वह जत्थेदार के पास एक अपील लेकर गए हैं। ताकि सिख कौम से निष्कासित उन व्यक्तियों को दोबार कौम में स्थान मिल सके जिन व्यक्तियों की ओर से जाने व अनजाने में गल्तियां की है। समय समय पर सिख कौम से उनको निष्कासित किया जा चुका है। पांच सिहं साहिबान को गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर अहम फैसला लेते हुए आम माफी प्रदान कर देनी चाहिए।
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सरना ने कहा के वह पंजाब सरकार से भी अपील करेंगे कि प्रकाश पर्व पर पंजाब सरकार भी जेलों में बंद कैदियों को आम माफी देकर रिहा करें। ताकि यह अपराधी भविष्य में कोई अपराध न करें। सरना ने बरगाडी मोर्चे का समर्थन किया और कहा कि बहिबल कांड के संबंध में सरकार ने जांच के दौरान जो रिपोर्ट तैयार की है उस पर उनकी पूरी संतुष्टि है। उन्होंने कहा कि इस जस्टिस रंजीत सिंह की जांच रिपोर्ट को सीबीआइ के पास लेकर नहीं जाना चाहिए।
अकाली दल के संसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी इस रिपोर्ट को सीबीआइ के पास लेकर जाने का विरोध प्रगट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बरगाड़ी कांड में न्याय के लिए आवाज बुलंद करने वालों पर आईएसआई से फंड मिलने की ब्यानों को भी सरना ने सिर्फ राजनीतिक ब्यान बाजी कहा है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों को इस के सबूत देने चाहिए। इस अवसर पर उनके साथ हरविंदर सिंह सरना और मनिंदर सिंह धुन्ना आदि भी मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड