आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने गुरुवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के फैसले को वापस लेने के विरोध में ‘मार्च’ निकाला। विधायक हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिन पर ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ और ‘ऑपरेशन लोटस मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगे थे। पार्टी ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को रोकने के लिए मिलकर काम करने का आरोप लगाया।
विरोध प्रदर्शन में राज्य का कोई मंत्री नहीं शामिल हुआ।
विधायकों को राज्यपाल के आवास की ओर बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस ने विधानसभा परिसर से एक किलोमीटर के दायरे में अवरोधक लगा दिए थे। प्रदर्शन कर रहे विधायक रोके जाने पर उसी स्थान पर बैठ गए और उन्होंने कांग्रेस तथा भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। विधायकों ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला राज्यपाल द्वारा वापस लिए जाने के लिए उनकी आलोचना की।
विधायक गुरमीत सिंह खुदियान ने कहा, ‘‘ यह (विशेष सत्र नहीं बुलाना) सरासर अन्याय है। राज्य सरकार विधानसभा का सत्र बुला सकती है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने ‘‘शीर्ष स्तर से निर्देश मिलने पर सत्र को रद्द करने का निर्णय लिया। भाजपा गलत कर रही है और लोकतंत्र खतरे में है।’’ मोगा से विधायक अमनदीप कौर ने ‘कहा कि पहले सत्र आहूत करने की अनुमति दी गई लेकिन बाद में राज्यपाल ने इसे रद्द कर दिया।
राज्यपाल के कदम को लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया
मोहाली से विधायक कुलवंत सिंह ने भी राज्यपाल के कदम को ‘‘ लोकतंत्र की हत्या’’ करार दिया। गौरतलब है कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की योजना को बुधवार को विफल कर दिया।
राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को विशेष सत्र आहूत करने के पिछले आदेश को वापस लेते हुए कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजभवन से संपर्क कर कहा था कि सदन के नियमों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है।। राज्यपाल के अनुसार, इसके बाद कानूनी राय मांगी गई और सत्र आयोजित करने का फैसला वापस ले लिय गया। ‘आप’ सरकार ने विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विशेष सत्र आहूत करने की मांग की थी। इससे कुछ दिन पहले ही ‘आप’ ने भाजपा पर उसकी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।