पंजाब कांग्रेस में भारी उथल-पुथल के बाद राजनीतिक पृष्ठभूमि से काफी कुछ बदल गया है। अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है, जिसमें अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री चरनजीत सिहं चन्नी चुनावी मोड ऑन करते हुए रणनीति बनाने में जुट गए है।
बीते दिन दिल्ली से लौटने के बाद आज उन्होंने प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी से करीब एक घंटा मुलाकात की। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने अब चुनावी रोडमैप बनाने की जिम्मेदारी चन्नी को सौंपी है, क्योंकि आलाकमान ने मौजूदा हालात में उन पर पूरा भरोसा जताते हुये अगले साल के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिये हैं।
इस कार्य में उनके मंत्री और पार्टी संगठन के नेता भी उनका साथ देंगे। फिलहाल चुनाव का कम समय होने के कारण इस पर रणनीति तैयार करने का काम शुरू कर दिया है और आज चौधरी के साथ उनकी बैठक हुई।
चुनावी मोड में चन्नी, सहयोगियों का मांगा सहयोग
प्रदेश में चुनाव की कमान भी चन्नी को सौंपे जाने के संकेत मिलते ही चन्नी की चिंता बढ़ गयी है और उन्होंने अपने सहयोगियों का सहयोग मांगा है। चन्नी हर विधानसभा क्षेत्र को लेकर रणनीति तय करने का फैसला किया है, जिसमें वे हर हलके के विधायक से मिलकर वहां की स्थिति पर चर्चा करेंगे ताकि चुनाव में जीत के लिये पूरी जान फूंकी जा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर ने बढ़ाई चन्नी की टेंशन
चन्नी ने आलाकमान को पूरा भरोसा दिया है कि वे सभी विधायकों और मंत्रियों के अलावा पार्टी संगठन को साथ लेकर पार्टी की नैया पार लगाने के लिये काम करेंगे। आलाकमान ने इसी सप्ताह दो बार चन्नी को दिल्ली तलब कर मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नयी पार्टी बनाने की घोषणा और गैर कांग्रेसी दलों और अकाली दल से अलग हुये दलों के साथ चुनावी तालमेल करने की बात कह चुके हैं। उन्होंने भाजपा के साथ भी चुनावी तालमेल की बात कहकर कांग्रेस की चिंता बढ़ दी।
कैप्टन होंगे कामयाब? मिलेगा किसान आंदोलन का हल!
अब ऐसा माना जा रहा है कि यदि कैप्टन सिंह किसानों के मसले का हल निकालने में कामयाब हो जाते हैं और कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन खत्म हो जाता है तो हालात उनके पक्ष में जा सकते हैं। इस समय भाजपा के नेता कैप्टन सिंह के खिलाफ कुछ भी नहीं बोल रहे हैं और हाल में भाजपा के पंजाब प्रभारी गजेन्द, शेखावत सहित कुछ नेताओं ने किसान आंदोलन का हल निकलने की बात कही थी।
चन्नी को प्रदेश में चुनाव की कमान संभालने का संकेत देकर यह बात स्पष्ट कर दी है कि उसे कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू पर भरोसा नहीं रह गया है। जबकि श्री चन्नी राहुल गांधी के विश्वासपात्र माने जाते हैं। वर्ष 2015 -16 में जब आलाकमान ने उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना था तो चन्नी अपनी भूमिका पर खरे उतरे थे।
सीएम पद की जिम्मेदारी भी अच्छी निभायेगा
कैप्टन सिंह भी इस बात को कह चुके हैं कि इस मुंडे ने मेरे साथ मिलकर काम किया और अपने विभाग की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। अच्छा मंत्री है और सीएम पद की जिम्मेदारी भी अच्छी निभायेगा। आलाकमान अब पंजाब को गंवाना नहीं चाहता और इसीलिये ये एक्सरसाइज शुरू कर दी है। अब पंजाब को लेकर उसकी पैनी नजर है और बराबर हर पल की जानकारी लेनी शुरू कर दी है।
उसके बाद कांग्रेस किसानों को चुनाव के मौके पर नाराज नहीं करना चाहती। दिल्ली से आते ही श्री चन्नी ने कपास उत्पादकों की फसल गुलाबी सुंडी से खराब हो गयी जिसके मुआवजे की आज घोषणा कर दी और किसान संगठनों से एक -एक करके बात शुरू कर दी है। आज मुख्यमंत्री ने किसान नेता राजेवाल से बात की और उनसे किसानी के मुद्दे के हल को लेकर चर्चा की।