लुधियाना- संगरूर : अढ़ाई साल पहले 2017 में ‘घर-घर नोकरी और बेरोजगारी ’ के मुददे पर पंजाब की सत्ता संभालने वाले कांग्रेस के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने समस्त वायदों को नजरअंदाज करके सत्ता ले रखी है। इन्ही वायदों को याद करवाने के लिए पंजाब के बेरोजगार ई.टी.टी टेंट पास अध्यापकों ने पंजाब के कई हिस्सों में धरना और रोष प्रदर्शनों के बाद पिछले 2 हफतों से संगरूर स्थित शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला के इलाके को घेरकर पक्का मोर्चा लगा रखा था।
लेकिन पंजाब सरकार के सिर पर जू तक नहीं रेंगी और इसी से दुखी होकर आज धरना प्रदर्शन कर रहे हजारों की संख्या में बेरोजगार अध्यापकों ने शिक्षामंत्री की रिहायश का घेराव करने की कोशिश की। इस कोशिश में बेरोजगार अध्यापकों को पुलिस ने कोठी से सौ मीटर दूर ही रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों ने बार-बार कोठी की तरफ कूच करने का प्रयास किया तो पुलिस ने पानी छोड़ा और फिर लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान सात बेरोजगार घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। महिला प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर गाली गलौज करने का आरोप भी लगाया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुलिस की लाठियां खाने के बावजूद कई अध्यापक छोटे-छोटे समूहों में शिक्षामंत्री की कोठी के आगे जबरदस्त नारेबाजी करते दिखे। इस लाठीचार्ज में आधा दर्जन से अधिक अध्यापक और इतने ही पुलिसकर्मियों के जख्मी होने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक अध्यापक गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, सुखदेव सिंह और मनी सिंह को इलाज के लिए सिविल अस्पताल संगरूर में दाखिल करवाया गया है।
जबकि पुलिस के साथ हुई झड़प में 8 अध्यापकों के जख्मी होने की खबर है वही दूसरी तरफ इलाके के एसएचओ पुलिस सदर थाना लहरा इंस्पेक्टर सतनाम सिंह, सिटी ट्रेफिक इंचार्ज एएसआई पवन कुमार समेत 6 पुलिस मुलाजिम भी जख्मी हुए है। सभी मुलाजिमों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। खबर लिखे जाने तक अध्यापक वर्ग का एक बड़ा समूह शिक्षा मंत्री की कोठी के आगे प्रदर्शन कर रहा है।
अध्यापक भर्ती करने की मांग को लेकर शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिंगला की कोठी के सामने रोष प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार अध्यापकों पर पानी की बोछार मारने और लाठी चार्ज करने की बीएंड टेंट पास बरोजगार अध्यापकों ने सख्त शब्दों में निंदा की है।
जत्थेबंदी के सूबा प्रधान सुखजिंद्र सिंह ढिलवां, महासचिव गुरजीत कोर खेड़ी और प्रेस सचिव रमनदीप संगतपुरा ने कहा कि चाहे जेल भेजों, लाठीचार्ज करके संघर्ष दबाया नहीं जा सकेंगा। उनका कहना था कि विधानसभा 2017 के वक्त ‘घर-घर नोकरी और बेरोजगारी ’ दूर करने के वायदा करके सत्ता में आएं मुख्यमंत्री केप्टन अमरेंद्र ङ्क्षसह अपने वायदों से भाग रहे है और मोजूदा सरकार संघर्ष कर रहे लोगों को जबर के द्वारा दबाना चाहती है ।
स्मरण रहें, ई.टी.टी टेंट पास बेरोजगार यहांं काफी दिनों से धरनेे पर बैठे हैं। रविवार को उन्होंने सिंगला की कोठी का घेराव करने का प्रयास किया।
काफिले के रूप में सिंगला की कोठी समीप पहुंचे बेरोजगारोंं को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेट लगाकर बठिंडा-चंडीगढ़ बाईपास रोड पर ही रोक लिया, लेकिन गुस्साए प्रदर्शनकारी बैरिकेट लांघकर कोठी तक जाने का प्रयास किया। उन्हेंं खदेडऩे के लिए पुलिस पानी छोड़़ा़ और ने जमकर उन पर लाठियां भांजी और कोठी सेे सौ मीटर दूर ही उन्हें रोक दिया। इस दौरान कई बेरोजगारों चोटें आई और कई की पगडय़िां उतर गई। सात प्रदर्शनकारियों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल ले जाया गया, साथ ही कुछ पुलिस मुलाजिम भी चोटिल हुए, जिन्हें अस्पताल मे भर्ती करवाया गया।
5 ई.टी.टी टेंट पास बेरोजगार पिछले 19 दिन से सुनाम रोड पर पानी की टंकी पर भी डटे हुए हैं। बेरोजगार अध्यापक जरनैल सिंह का चार दिन से मरणव्रत जारी है, जबकि मरणव्रत पर बैठे दो साथियों को पुलिस ने दो दिन पहले जबरदस्ती धरना स्थल से उठाकर अस्पताल में भर्ती करवा दिया था।
- सुनीलराय कामरेड