पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को कोरोना वायरस को लेकर कहा कि दिल्ली के निज़ामुद्दीन से लौटे 651 लोगों में से अभी तक 636 लोगों का ही पता लग पाया है, वहीं 15 लोगों का अभी भी पता लगाना बाकी है। उन्होंने कहा, पूरे पंजाब में अब तक सिर्फ 2877 लोगों का सैंपल इकट्ठा किया गया है, और यह आंकड़ा काफी कम है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा, केंद्र की ओर से राज्यों के लिए तय 15 हजार करोड़ रुपये का पैकेज नाकाफी है और ऐसे में मोदी सरकार को प्रदेश सरकारों को पर्याप्त वित्तीय मदद देनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि 15 अप्रैल से किसानों को फसलों की कटाई के लिए लॉकडाउन में ढील दी जाएगी और इसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जाएगा।
उन्होंने कहा, ”हमने पहले लॉकडाउन किया और बाद में कर्फ्यू लगाया। फिर लोगों तक जरूरी वस्तुओं को पहुंचाने की व्यवस्था की। हमारे लोग हर मोहल्ले में पहुंचकर जरूरी वस्तुएं मुहैया करा रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के मामले शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में लोग विदेश से लोग पंजाब में आये। हमने स्क्रीनिंग की और लोगों को पृथक रखा। अब ज्यादातर लोग पृथक वास से बाहर आ चुके हैं।
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उन्होंने कहा, ” फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं। हम ने132 मामलों की पुष्टि है। 11 लोगों की मौत हुई है। कुल 2877 लोगों की जांच हुई।” मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चार चरणों में तैयारी कर रहे हैं। पहले चरण में 200 हजार बेड और उपकरण, दूसरे चरण में 10 हजार बेड एवं उपकरण, तीसरे चरण में 30 हजार बेड एवं उपकरण, चौथे चरण में एक लाख बेड एवं उपकरण की व्यवस्था होगी।
उन्होंने कुछ विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि स्थिति भयावह हो सकती है और इसको लेकर तैयारी करनी होगी। केंद्र सरकार की ओर दिए जा रहे पॉकेज के बारे में पूछे जाने पर अमरिंदर ने कहा, ”15 हजार करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं है। 1.30 अरब की आबादी में यह कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, ”राज्यों की स्थिति ऐसी स्थिति नहीं है वो अकेले लड़ सकें। केंद्र को उनकी पूरी मदद करनी चाहिए।” बता दें कि पंजाब में कोविड-19 के अब तक कुल 130 मामले दर्ज किए गए हैं और राज्य में 11 लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है।