पंजाब मुख्यमंत्री पद के लिए अंबिका सोनी के इनकार के बाद राज्य के नए सीएम को लेकर चर्चाएं ज़ोरों पर है। सीएम पद की रेस में प्रताप सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह रंधावा और रवनीत सिंह बिट्टू के नाम सबसे ऊपर चल रहे हैं। नए मुख्यमंत्री की रेस में नाम शामिल होने पर अमरिंदर सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उनकी कभी किसी पद की लालसा नहीं रही है।
रंधावा की यह टिप्पणी उस वक्त की है जब उनका नाम भी कांग्रेस विधायक दल के नेता के संभावित दावेदारों में लिया जा रहा है। पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि अगले मुख्यमंत्री के लिए उनके नाम को लेकर भी चर्चा चल रही, रंधावा ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कभी किसी पद की लालसा नहीं है।
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पत्रकारों ने जब सवाल किया कि क्या वे पंजाब के अगले मुख्यमंत्री से बात कर रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘आप एक कांग्रेस कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए रंधावा ने कहा, ‘‘एक मुख्यमंत्री तभी तक अपने पद पर रहता है जब तक उसकी पार्टी और राज्य की जनता उसके साथ खड़ी होती है।’’
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया। विधायक दल के नए नेता के चयन के बारे में रंधावा ने कहा, ‘‘इस बारे में हमने कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने विधायकों के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी चर्चा की है। यह पूछे जाने पर कि विधायक दल का नया नेता चुनने में इतना समय क्यों लग रहा है, तो रंधावा ने कहा, ‘‘अगर आप एक गांव का सरपंच चुनते हैं तो उसमें भी कभी-कभी 20 दिन लग जाते हैं।’’
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अमरिंदर सिंह के अपमानित महसूस करने संबंधी बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘बीजेपी ने पांच मुख्यमंत्री बदले हैं। कांग्रेस में भी कुछ मुख्यमंत्री बदले गए हैं। कांग्रेस में अमरिंदर साढ़े नौ साल तक मुख्यमंत्री रहे। मेरा मानना है कि उनको जितना सम्मान मिला, उतना किसी मुख्यमंत्री को नहीं मिला।’’