Updated Mon, 04th Apr 2022 06:53 PM IST
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और हमेशा रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा के साथ पंजाब की ‘‘अगली बड़ी लड़ाई’’ नदियों के पानी को लेकर होगी। सिद्धू की यह टिप्पणी हरियाणा के नेताओं के उस बयान के बाद आयी है जिसमें उन्होंने पंजाब से राज्य के नदी जल हिस्से को प्राप्त करने के लिए सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को पूरा करने की मांग की थी। हरियाणा के नेताओं ने 400 हिंदी भाषी गांवों को हरियाणा स्थानांतरित करने की भी मांग की है।
चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है

पंजाब विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ को आम आदमी पार्टी (आप) शासित राज्य को तत्काल स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पारित करने के कुछ दिनों बाद हरियाणा सरकार ने मंगलवार को यहां विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया है। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है।सिद्धू ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘पंजाब के 27 गांव उजाड़ के बनाया हुआ चण्डीगढ़, पंजाब का था, है और रहेगा…। कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना …।’’ उन्होंने ऐसा कहकर इसका इशारा दिया कि हरियाणा का असली लक्ष्य चंडीगढ़ नहीं बल्कि नदियों का पानी है।
सिद्धू ने अपने ट्वीट के द्वारा की बयानबाजीजानकारी के मुताबिक, उन्होंने कहा, ‘‘चंडीगढ़ सिर्फ एक बहाना है, लक्ष्य पंजाब के नदी का पानी है। सावधान रहें अगली बड़ी लड़ाई पंजाब के नदी जल के लिए होगी।’’हाल ही में अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव हारने वाले सिद्धू ने अपने ट्वीट के साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी टैग किया।
एसवाईएल नहर का मुद्दा कई दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रहा है।अतीत में, पंजाब रावी-ब्यास नदियों के पानी के अपने हिस्से के संबंध में पुन: आकलन की मांग करता रहा है, जबकि हरियाणा एसवाईएल नहर को पूरा करने की मांग करता है ताकि उसे उसके हिस्से का 35 लाख एकड़-फुट पानी मिल सके।पंजाब सरकार का राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाने का यह कदम केंद्र की इस घोषणा के बाद आया कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय सेवा नियम लागू होंगे।