कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पंजाब में महाधिवक्ता के पद से एपीएस देओल के इस्तीफा देने के बाद बुधवार को कहा कि महाधिवक्ता के कार्यालय का राजनीतिकरण करने का मतलब इसकी संवैधानिक कामकाज की गरिमा को कमतर करना है।
पंजाब सरकार नया महाधिवक्ता नियुक्त करने जा रही है...
उन्होंने यह भी कहा कि नये महाधिवक्ता की नियुक्ति करते समय पंजाब सरकार को बार काउंसिल की ओर से तय मानकों का अनुसरण करना चाहिए। लोकसभा सदस्य ने ट्वीट किया, ‘‘पंजाब सरकार नया महाधिवक्ता नियुक्त करने जा रही है, तो ऐसे में उसे सलाह है कि वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से तय पेशेवर मानकों के नियमों का अनुसरण करे।’’
महाधिवक्ता के कार्यालय का राजनीतिकरण करने से संवैधानिक कामकाज की गरिमा कमतर होती है
उन्होंने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कलह का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘महाधिवक्ता के कार्यालय का राजनीतिकरण करने से संवैधानिक कामकाज की गरिमा कमतर होती है। पंजाब के पहले के दोनो महाधिवक्ता छद्म राजनीतिक युद्ध के शिकार बन गए।’’ तिवारी ने जोर देकर कहा कि जो लोग महाधिवक्ता के कार्यालय की संस्था को कमजोर करते हैं उन्हें यह याद रखने की जरूरत है कि एक वकील का अपने अपने ग्राहक के साथ पेशेवर रिश्ता होता है, कोई जन्म-जन्मांतर का बंधन नहीं होता है।
राज्य मंत्रिमंडल ने महाधिवक्ता एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया1/2 which he proposes to practise He should levy fees which is at par with the fees collected by fellow advocates of his standing at the Bar and the nature of the case. Special circumstances may justify his refusal to accept a particular brief’
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 10, 2021
Politicising AG’s office undermines
गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के दबाव के आगे झुकते हुए राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को महाधिवक्ता एपीएस देओल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि नये महाधिवक्ता को बुधवार को नियुक्त किया जाएगा। राज्य के महावधिवक्ता के तौर पर देओल की और राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के तौर पर इकबाल प्रीत सिंह सहोटा की नियुक्तियों का सिद्धू द्वारा सख्त विरोध किये जाने के बीच यह घटनाक्रम हुआ है। देओल ने 2015 की बेअदबी घटनाओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी से जुड़े मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी का प्रतिनिधित्व किया था।
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