पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर राज्य की राजनीतिक पार्टीयां चुनाव जीतने के लिए रणनीति को प्रयोग कर रही है।इसी को देखते हुए पंजाब में चुनावों का प्रचार जोरो शोरो से हो रहा है और राज्य की आम जनता को लुभाने के लिए राजनेतिक नेता हर दांव पेच का प्रयोग कर रहे हैंं। हालांकि मतदान से कुछ दिन पहले हरियाणा से सटे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मिली फरलो को सियासत के अध्यापक चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं और सभी सियासी दलों की नजरें डेरा सच्चा सौदा से जुड़ वोटों पर लगी हैं।
नेताओं ने की शिरकत
पंजाब के मालवा क्षेत्र 13-14 जिलों की कुल 69 सीटों में से करीब 43 सीटों पर डेरा का प्रभाव माना जाता है। राज्य में मतदान 20 फरवरी को होगा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की फरलो भी 27 फरवरी तक ही है। राज्य के कई उम्मीदवार अब तक सिरसा डेरा में माथा टेक चुके हैं। इसके अलावा डेरा की ओर से नौ जनवरी को पंजाब के डेरा सलावतपुरा में आयोजित कार्यक्रम में भी सभी पार्टियों के बड़ नेताओं ने शिरकत की थी।
चुनाव की राजनीतिक गर्मी
जानकारी के मुताबिक, बहरहाल डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक विंग यहां आने वाले सभी उम्मीदवारों और राजनेताओं पर मंथन कर रही है। डेरा प्रमुख को फरलो मिलने के बाद पंजाब चुनाव की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। डेरा की राजनीतिक विंग अब सक्रिय है तथा विंग के सदस्य काम में जुट गए हैं। जब इस संदर्भ में डेरा सच्चा सौदा की सियासी विंग के अध्यक्ष राम सिंह इंसा से पूछा गया तो वे बोले कि अभी देख रहे हैं, क्या होता है।
चुनावों का विस्तृतीकरण
हालांकि सूत्रों के मुताबिक, डेरा की सियासी विंग का राज्य में वर्ष 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में दखल रहा। इसके अलावा वर्ष 2014 के लोकसभा और उसके बाद अक्टूबर 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भी डेरा की राजनीतिक विंग ने खुलकर काम किया था। डेरा ने उस समय भाजपा का समर्थन किया था। इस बार संगत को डेरा क्या निर्देश देता है यह तो समय ही बतायेगा।