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पंजाब : 2021 लखीमपुर खीरी घटना की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर गुरुवार को विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आयोजित 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन के कारण पंजाब के फिरोजपुर डिवीजन में 17 ट्रेनों को देरी से चलना पड़ा। प्रदर्शन दो घंटे तक चला और इसके चलते लगभग 33 स्थानों पर किसान एकत्र हुए। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि फिरोजपुर डिवीजन में चलने वाली सभी ट्रेनें सुरक्षित रहीं, लेकिन प्रदर्शन के कारण उनकी समय सारणी प्रभावित हुई। बयान में कहा गया, कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई या उनका मार्ग नहीं बदला गया। ये ट्रेनें केवल प्रदर्शन के कारण देरी से चलीं।
Highlight :
प्रदर्शनकारियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, और लखीमपुर खीरी त्रासदी के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, हमने देवीदासपुरा रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया है। हम लखीमपुर खीरी की घटना में न्याय की मांग कर रहे हैं और MSP पर कानूनी गारंटी का कानून बनाने की आवश्यकता है। प्रदर्शन के दौरान, ट्रेनों को उन स्थानों पर रोका गया जहां यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से नियमित घोषणाएं की गईं। जैसे ही प्रदर्शन समाप्त हुआ, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ट्रेनों को फिर से चालू किया गया। फिरोजपुर रेल डिवीजन में प्रभावित ट्रेनों में शामिल हैं: ट्रेन नंबर 01612 गोलेवाला, 04997 फिरोजशाह, 04464 धुरी, 12479 लुधियाना, 06936 पठानकोट, और अन्य। किसान 13 फरवरी से हरियाणा-पंजाब सीमा पर बैठे हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था।
हाल ही में, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदर्शनकारियों की निंदा की और कहा कि जो लोग ये विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वे असली किसान नहीं हैं। उन्होंने कहा, किसानों की आड़ में कुछ लोग हैं जो व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं और सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। हालांकि, किसानों का यह प्रदर्शन एक बार फिर से इस बात को उजागर करता है कि कृषि संबंधी मुद्दों को लेकर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ किसानों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस विरोध प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि किसानों की मांगें सुनने और उनके हक के लिए लड़ाई जारी है।
(Input From ANI)