पंजाब में हर साल किसान अपने संघर्षो से लड़कर सडकों पर उतर आते हैं। और हुआ भी कुछ ऐसा ही जहां अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेतृत्व में किसानों ने बाढ़ से हुए नुक्सान को लेकर सरकार से मांग करते हुए एक बड़ा प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जी हाँ हम बात कर रहे है "रेल रोको" प्रदर्शन का। जिसे किसान आर्थिक सहायता और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग उठाते हुए लगातार तीन दिन 'तक रेल नाकाबंदी' का अभियान चलाया है।
पंजाब में शुरू हुआ "रेल रोको" प्रदर्शन
इस धरना या विरोश प्रदर्शन में एकत्रित हुए किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंधेर ने इस मोर्चे को लेकर कहा है की "अगर किसी ने पंजाब के किसानों के साथ अन्याय करने की कोशिश की, तो हरियाणा के किसान भी पंजाब के किसानों के साथ शामिल हो जाएंगे। और पूरे देश में किसान एकजुट हैं।" इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने आगे कहा कि "देवी दासपुरा में हजारों किसान उत्तर भारत में बाढ़ से फसलों को प्रभावित होने के मद्देनजर नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर इस आंदोलन को करने के लिए अपने ट्रैक्टरों और बाइकों के साथ वहाँ एकत्र हुए हैं।"
कुछ वक़्त पहले ही देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अमृतसर आए थे जहां उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून को लाने का वादा भी किया था लेकिन अभी तक किसी भी समिति का गठन नहीं किया गया है। आपको बता दें की दिल्ली आंदोलन के दौरान जितने भी मामले दर्ज किए गए थे,उन्हें वापस ले लिया गया। सरवन सिंह पंधेर ने कहा है की "जिन किसानों ने अपनी जान गंवाई, उनके परिवारों को अभी तक कोई मुआवजा और नौकरी नहीं दिया गया , जिसका आश्वासन उन्हें दिया गया था। लखीमपुर खीरी घटना में पीड़ितों को भी किसी प्रकार का न्याय नहीं मिला है। हमने बाढ़ के मुआवजे के रूप में 50,000 करोड़ की मांग की है। जो दवाएं दी जा रही हैं ड्रोन के जरिए आपूर्ति की जाने वाली आपूर्ति की सीमा पर जांच नहीं की जा रही है। विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ है।"