पंजाब सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में अनुबंध के तहत काम करने वाले करीब एक हजार प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया। पंजाब के स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में अनुबंध के तहत काम करने वाले करीब एक हजार प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि ये कर्मचारी कोविड- 19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटे थे। पैरामेडिकल कर्मचारी समेत एनएचएम पंजाब के लिए काम करने वाले करीब नौ हजार संविदा कर्मचारी जिनमें भी शामिल हैं, वे नौकरी के नियमन और वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिधु की अपील के बाद करीब आठ हजार प्रदर्शनकारी कर्मचारी काम पर लौट आए थे।
राज्य के सभी सिविल सर्जनों को सोमवार को दिए गए आदेश में एनएचएम, पंजाब के निदेशक ने कहा है कि सभी प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की सेवाएं तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी जाए। इसके अलावा कहा गया है कि इन कर्मचारियों के स्थान पर अन्य कर्मचारियों की सेवाएं ली जाएं। यह कार्रवाई आपदा प्रबंधन कानून के तहत की गई है।
इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदर्शनरत कर्मचारियों से जनहित के मद्देनजर हड़ताल खत्म करने और ड्यूटी पर लौटने की अपील की थी। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्होंने कार्रवाई की चेतावनी दी थी। एक हफ्ते से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के काम पर नहीं आने के कारण ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 रोकथाम अभियान प्रभावित हुआ है।
एनएचएम राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंद्रजीत राणा ने मंगलवार को कहा कि संघ ने स्वास्थ्य अधिकारियों से अपील की है कि वे इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करें और उन्हें ड्यूटी पर लौटने दें।