पंजाब में कोरोना वायरस (कोविड-19) के 21 मामले सामने आ चुके हैं। इसी बीच पंजाब सरकार ने वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से 150 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिख कर यह मांग की। वायरस के चलते राज्य में अमरिंदर सरकार ने अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में विदेश से बड़ी तादाद में अनिवासी भारतीय लौटे हैं, जिसके बाद कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। और इसी को देखते हुए सरकार ने केंद्र से यह मांग रखी है। पत्र में बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा है कि राज्य से सबसे अधिक अनिवासी भारतीय संबंध रखते हैं और उनमें से 90 हजार पहले ही यहां आ चुके हैं।
उन्होंने कहा, ”उनमें से कई लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाये गए हैं और उनके संपर्क में आने से और लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।” उन्होंने कहा कि मरीजों की तादाद में लगातार भारी इजाफा हो रहा है। पंजाब में अब तक कोरोना वायरस के 23 मामले सामने आ चुके हैं। सिद्धू ने कहा, ”इस भयानक बीमारी को रोकने के लिए, पंजाब ने जमीनी स्तर तक ठोस योजनाएँ बनाई हैं।
हम आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड आदि बना रहे हैं। हमें अतिरिक्त श्रमबल, विशेषज्ञों, एनेस्थेटिस्ट, पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉक्टर और नर्स की आवश्यकता है। हमें दवाओं, रसद, वेंटिलेटर और कई अन्य वस्तुओं की भी आवश्यकता है।’ उन्होंने लिखा कि इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पंजाब को कम से कम 150 करोड़ रुपये के कोष की जरूरत है।