कोरोना वायरस संकट काल में हो रही NEET-JEE की परीक्षाएं चिंता का विषय बन गई हैं. छात्रों और विपक्षी पार्टियों की ओर से हो रहे लगातार विरोध के बीच सरकार पीछे हटती नहीं दिख रही है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राज्य के महाधिवक्ता से कहा कि एनईईटी-जेईई की परीक्षाएं टालने के लिए उच्चतम न्यायालय में सामूहिक समीक्षा याचिका दायर करने की खातिर विपक्षी दलों के शासन वाले दूसरे राज्यों के अपने समकक्षों के साथ समन्वय करें।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की विपक्ष के शासन वाले सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने महाधिवक्ता अतुल नंदा को यह निर्देश दिया। सोनिया ने जीएसटी मुआवजा जारी करने में विलंब, कृषि अध्यादेशों और नई शिक्षा नीति सहित मुख्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक का आयोजन किया था। सिंह ने इस बारे में एक सुझाव के जवाब में कहा, ‘‘मुद्दे पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री से मिलने का वक्त मांगने का समय नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन परीक्षाओं को टालने के लिए हम सभी मिलकर उच्चतम न्यायालय जाएं, जिनके कारण लाखों छात्रों के जीवन को खतरा है।’’
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, उन्होंने सुझाव दिया कि जेईई-एनईईटी (संयुक्त प्रवेश परीक्षा और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) और मेडिकल एवं कानून जैसी अन्य पेशेवर परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जा सकती हैं और छात्रों के जीवन को खतरे में डालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य कोई चांद-तारे नहीं मांग रहे हैं बल्कि अपना बकाया मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि विपक्ष शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को प्रधानमंत्री से मुलाकात करनी चाहिए ताकि जीएसटी (माल एवं सेवा कर) मुआवजा तथा कोरोना वायरस से निपटने के लिए वित्तीय सहयोग की खातिर दबाव बनाया जा सके।
उन्होंने पूछा, ‘‘हमने जीएसटी के माध्यम से कर से जुड़ी सभी शक्तियां उन्हें दे दी हैं और अब वे कहते हैं कि वे भुगतान नहीं कर सकते। तो हम फिर कैसे अपने राज्य चलाएं?’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही एक समिति का गठन करेगी जो नई शिक्षा नीति के राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर प्रभावों का आकलन करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हर राज्य की अपनी व्यवस्था है और नीति जारी करने से पहले भारत सरकार उन पर संज्ञान लेने में विफल रही।’’
उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा का सत्र शुरू होने से दो दिन पहले अभी तक 23 मंत्री और विधायक कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब मंत्रियों ओर विधायकों की यह स्थिति है तो अंदाज लगाया जा सकता है कि जमीनी हालात क्या होंगे। उन्होंने कहा ‘‘स्थिति ऐसी नहीं हैं कि विद्यार्थियों को परीक्षा के लिए बुलाया जाए।’’ पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या 44,577 है और अब तक 1,178 मरीजों की इस महामारी की वजह से जान जा चुकी है।