पंजाब सरकार ने आज विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसे रद्द कर दिया गया। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अपना आदेश बुधवार को वापस लेने के बाद ये फैसला किया गया। लेकिन, राज्य की आप सरकार ने 27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया है।
राज्यपाल द्वारा आदेश वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज कैबिनेट की बैठक में 27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया गया है। बिजली और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिन विधानसभा सत्र (राज्यपाल द्वारा) को रद्द करने के मामले को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
वहीं आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि राज्यपाल कैबिनेट की ओर से बुलाए सत्र को कैसे मना कर सकते हैं? फिर तो जनतंत्र खतम है। दो दिन पहले राज्यपाल ने सत्र की इजाज़त दी। जब ऑपरेशन लोटस फेल होता लगा और संख्या पूरी नहीं हुई तो ऊपर से फोन आया कि इजाजत वापस ले लो। आज देश में एक तरफ संविधान है और दूसरी तरफ ऑपरेशन लोटस।
दरअसल, राजभवन ने केवल विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर विशिष्ट नियम नहीं होने का हवाला दिया। राज्यपाल के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी हमलावर हो गई है। वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल द्वारा सदन के विशेष सत्र को रद्द करने के बाद पार्टी विधायकों के साथ बैठक की।