पंजाब के कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोपों को लेकर एक बड़ी पुलिस कार्रवाई चल रही है।
इस अभियान के जारी रहने के बीच पंजाब सरकार ने अफवाहों एवं तनाव को फैलने से रोकने के लिए रविवार मध्याह्न तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने बताया कि अमृतपाल के छह करीबी समर्थकों को हिरासत में लिया गया है और अब उसका पता लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उपदेशक करीब-करीब पकड़ में आ ही चुका था, लेकिन पुलिस दल के पहुंचते ही वह चकमा देने में कामयाब हो गया। उनके अनुसार, शनिवार को जालंधर जिले के मेहातपुर गांव में अमृतपाल के काफिले को पुलिस ने रोका था।
'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं।
एक वीडियो में अमृतपाल एक वाहन में बैठा भी देखा जा सकता है और उसके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी 'भाई साहब' (अमृतपाल) के पीछे पड़े हैं।
पंजाब पुलिस ने पिछले सप्ताह अजनाला में अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ कथित नफरत भरे भाषण को लेकर मामले दर्ज किये थे। अमृतपाल सिंह इस साल फरवरी में तब सुर्खियों में आया था, जब अजनाला थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि कट्टरपंथी उपदेशक के साथियों ने उसे अगवा कर लिया एवं उसके साथ मारपीट की।
इसके बाद अमृतपाल सिंह और उसके छह सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस ने बाद में इस मामले में उसके साथी लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार किया था।
तूफान की गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल ने पुलिस को उसके विरूद्ध मामले को वापस लेने की चेतावनी दी। यह मामला तब और बिगड़ गया, जब उसके सैंकडों समर्थक हाथों में स्वचालित बंदूक और हथियार के साथ थाने में घुस गये। दबाव में आकर तूफान को रिहा किया गया, लेकिन पुलिस ने अदालत में कहा कि वह इस मामले की आगे जांच करेगी।
अमृतपाल एवं उसके समर्थकों तथा पुलिस के बीच झड़प में एक पुलिस अधीक्षक समेत छह पुलिसकर्मी घायल हो गये थे।
अमृतपाल के एक अन्य समर्थक ने वीडियो साझा किया है, जिसमें वह दावा कर रहा है कि पुलिसकर्मी उसका पीछा कर रहे हैं।
अमृतसर में अमृतपाल के मूल स्थान जल्लुपुर खेड़ा गांव के समीप सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गयी है।
इस बीच, पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाये रखने की अपील की है।
उसने ट्वीट किया, ‘‘ सभी नागरिकों से पंजाब में शांति-सद्भाव बनाये रखने का अनुरोध है। पुलिस कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये काम रही है। नागरिकों से नहीं घबराने तथा फर्जी खबरें एवं नफरत भरे भाषण नहीं फैलाने का अनुरोध है।’’
इस माह के प्रारंभ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की थी और इस सीमावर्ती राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर उनके साथ चर्चा की थी।
केंद्र ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ और अपने दंगा रोधी निकाय आरएएफ के करीब 1900 कर्मी भेजे थे।
गृह मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ‘ कानून व्यवस्था की ड्यूटी के दौरान राज्य सरकार के सहयोग’ के लिए पंजाब में अर्धसैनिक बलों की 18 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया था।
पंजाब के गृह एवं कानून विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में रविवार मध्याह्न 12 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं। विभाग ने ‘कुछ लोगों’ द्वारा हिंसा भड़काये जाने की आशंका से यह आदेश जारी किया है।