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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलाए गए इस अभियान में सीमावर्ती जिलों में वाहनों की गहन जांच की गई। विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे, ताकि नाकाबंदी प्रभावी हो सके।
अर्पित शुक्ला ने बताया कि 10 जिलों के 92 प्रवेश और निकास बिंदुओं पर 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों को शामिल करते हुए नाके लगाए गए। इन जिलों में पठानकोट, मुक्तसर साहिब, फाजिल्का, रोपड़, एसएएस नगर, पटियाला, संगरूर, मानसा, होशियारपुर और बठिंडा शामिल हैं। अभियान के दौरान पुलिस ने संदिग्ध वाहनों और व्यक्तियों की गहन तलाशी ली, साथ ही वाहन मोबाइल ऐप के माध्यम से उनके पंजीकरण नंबरों की भी जांच की।
पुलिस ने 4245 वाहनों की जांच की, जिनमें से 293 का चालान किया गया और 16 वाहनों को जब्त किया गया। अभियान के तहत 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 26 प्राथमिकी दर्ज की गईं। इसके अलावा, पुलिस ने 401 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।विज्ञप्ति में बताया गया कि इस अभियान के दौरान पुलिस ने 1.1 किलोग्राम अफीम, 29 किलोग्राम पोस्त की भूसी, 42 किलोग्राम नशीला पाउडर, 1070 नशीले कैप्सूल/टैबलेट और बड़ी मात्रा में वैध और अवैध शराब बरामद की।
पुलिस ने अभियान के दौरान आम जनता को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े, इसके लिए प्रयास किए और वाहनों की जांच करते समय हर व्यक्ति से दोस्ताना और विनम्र तरीके से पेश आने का निर्देश दिया। 'ओपीएस सील-VIII' के तहत किए गए इस विशेष अभियान से मादक पदार्थों और शराब की तस्करी के खिलाफ राज्य की सीमा पर सतर्कता बढ़ाने और अपराधियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद मिली है।