पंजाब की कांग्रेस नीत चन्नी सरकार ने प्रदेश में विधानसभा चुनावों से कुछ समय पहले एक नया ऐलान किया है। इसके तहत सूबे में अब पहली कक्षा से 10वीं कक्षा तक पंजाबी विषय पढ़ना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार ने स्कूलों में 10वीं कक्षा तक पंजाबी विषय को अनिवार्य विषय घोषित कर दिया है। सरकारी कार्यालयों में भी पंजाबी भाषा को अनिवार्य किया गया है।
न मानने पर लगेगा इतना जुर्माना
To promote mother tongue, Punjabi has been made a compulsory subject for all students from class I to X in Punjab. Schools to be fined upto 2 lakh for violation. Now, #Punjabi is mandatory in offices. Also, Punjabi will be written on top of all the boards in the state. 2/2
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) November 12, 2021
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने पर स्कूलों पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य के सभी बोर्डों के ऊपर भी पंजाबी भाषा में ही लिखा जाएगा। उच्च शिक्षा एवं भाषा मंत्री परगट सिंह ने विधानसभा में पंजाबी भाषा से संबंधित दो अहम बिल पारित करवाए। पंजाबी और अन्य भाषाएं शिक्षा (संशोधन) बिल 2021 पारित होने से अब राज्य भर के स्कूलों में पहली से दसवीं कक्षा तक सभी विद्यार्थियों के लिए पंजाबी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाना होगा।
21 जिलों में जिला भाषा अधिकारियों के पद खाली
दूसरा बिल पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) बिल-2021 पास किया गया, जिसके अंतर्गत सरकारी कामकाज पंजाबी भाषा में न करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध सजा के अलावा जुर्माने का प्रविधान किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब में 23 में से 21 जिलों में जिला भाषा अधिकारियों के पद खाली थे, जिन्हें आने वाले दिनों में भरा जा रहा है। इसी तरह राज्य भाषा एक्ट को लागू करने के लिए राज्य स्तरीय बोर्ड या कमेटी बनेगी। इसी तर्ज पर जिला स्तर पर भी कमेटियां बनेंगी, जो पंजाबी भाषा संबंधी एक्ट को सख्ती से लागू करवाएंगी।