लुधियाना : पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने लुधियाना में एक निजी समारोह के दौरान कांग्रेस की उपलब्धियां बताते हुए मोदी सरकार को जमकर निशाने सादे । इस अवसर पर नशे के मुददे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समस्त सियासी पार्टियों को एकजुट होकर नशों के खिलाफ जंग लडऩी चाहिए। राहुल गांधी द्वारा संसद में दिए गए बयान पर बोलते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि बीजेपी नफरत की सियासत करना चाहती है और देश को बांटकर अपने हित सादते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाषण के उपरांत जॅफ्फी डालते हुए संदेश दिया है कि देश को बांटने से नहीं बल्कि आपस में मिलवाने की जरूरत है।
2019 में लुधियाना लोकसभा चुनाव कांग्रेसी की तरफ से लडऩे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पार्टी उनकी जिम्मेदारी लगाती है तो वह जरूर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इनमें निराशा का प्रगटावा अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में प्रधानमंत्री के भाषण में हो रहा था। चाहे एनडीए ने सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया, लेकिन ये देश के लोगों का भरोसा खो चुके हैं। उन्होंने भरोसा व्यक्त किया है कि आगामी आम चुनावों के बाद एक प्रगतिशील व धर्म निरपेक्ष सरकार केन्द्र की सत्ता में होगी।
सीनियर कांगे्रसी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने खुलासा किया है कि अमेरिका-मैक्सिको की सीमा पर हजारों भारतीय युवाओं को हिरासत में रखा गया है, जिनमें एक बड़ी संख्या पंजाबियों की है। उन्होंने हाल ही में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान व्यक्तिगत तौर पर सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा किया था और वहां के हालातों से वह चिंतित हैं। पंजाब कांगे्रस सचिव सतविंदर जवद्दी द्वारा आयोजित कार्यकर्ता बैठक और बाद में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान तिवारी ने कहा कि उस दौरे के दौरान उन्हें भारतीयों की संखया 60 हजार बताई गई थी, जिन्होंने मैक्सिको के जरिए अमेरिका में गैर कानूनी तरीके से घुसने की कोशिश की और उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। इनमें 90 प्रतिशत से अधिक पंजाबी थे।
उन्होंने इन युवाओं की हालत को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी रिहाई का मुद्दा विदेश मंत्रालय के साथ उठाने की जरूरत है, जिसे वह पहले से ही उठा चुके हैं। इसके अलावा, पंजाब को युवाओं को नौकरियां देने की जरूरत है, ताकि उन्हें विदेशों में खतरनाक हालातों का सामना करने को मजबूर न होना पड़े।
– सुनीलराय कामरेड