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पंजाब : बादलों के खिलाफ बागी सुर अपनाने वाले ज्ञानी गुरमुख सिंह की अकाल तख्त पर हुई वापिसी

शिरोमणि कमेटी द्वारा अचानक देर शाम तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार और श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह को डेढ़ साल के

लुधियाना- अमृतसर : शिरोमणि कमेटी द्वारा अचानक देर शाम तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार और श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह को डेढ़ साल के उपरांत बेदखली पुन: श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी की जिम्मेदारी सौंप दी है। वही श्री अकाल तख्त साहिब पर तैनात मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह को सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब का ग्रंथी नियुक्त किया गया है। इसकी पुष्टि हरिमंदिर साहिब के प्रबंधक जसविंद्र सिंह दीनपुर ने की। सूत्रों के मुताबिक गुरू घर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब का मुख्य ग्रंथी नियुक्त किए जाने से पहले शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जत्थेदार गोबिंद सिंह लोंगोवाल से ज्ञानी गुरमुख सिंह की लंबी गुफतगु भी हुई।

प्राप्त जानकारी मुताबिक ज्ञानी गुरमुख सिंह ने 18 अप्रैल 2017 को श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इस दौरान ज्ञानी गुरमुख सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत रामरहीम को माफी देने के मामले की समस्त जानकारी का पर्दाफाश कर दिया था। हालांकि ज्ञानी गुरमुख सिंह स्वयं तीन साल पहले तख्त दमदमा साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार रहते दशम पातशाह जैसा बाणा धारण करके जाम-ए-इंसा पिलाने से जुड़े विवाद से संबंधित रहे है।

घर का बिजली पानी बंद करने के बाद अब भाई के तबादले के भी दिए आदेश

ज्ञानी गुरमुख सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह और चंडीगढ़ में हुई बादलों के रिहायशी स्थल पर मुलाकात और माफी नामे के खत के सच का खुलासा कर दिया था। इसी दौरान तत्कालीन एसजीपीसी अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बंडूगर की रहनुमाई में एसजीपीसी के सदस्यों ने सियासी आकाओं के दबाव के चलते ज्ञानी गुरमुख सिंह को दमदमा साहिब के जत्थेदार की जिम्मेदारी से हटाकर उनका तबादला जींद के गुरू घर दमधाम साहिब हरियाणा में ग्रंथी के तौर पर कर दिया था। हालांकि उन्होंने वहां सेवा लेने से इंकार कर दिया, इस दौरान अमृतसर में एसजीपीसी द्वारा उनके रिहायशी स्थल की बिजली और पानी का कनेक्शन भी काट दिया था और 2015 में एसजीपीसी के तत्कालीन प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने ज्ञानी गुरमुख ङ्क्षसह के भाई हिम्मत सिंह को भी ग्रंथी पद से हटाया था।

इससे पहले भी ज्ञानी गुरमुख ने पंाच सिंह साहिबान की 18 अप्रैल को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने से इंकार किया था। बैठक में हिस्सा लेने के स्थान पर ज्ञानी गुरमुख सिंह श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकते हुए कुछ समय बाद ही नाम सिमरन और अरदास करके वापिस चले गए थे। ज्ञानी गुरमुख सिंह ने इस दौरान आरोप दागे थे कि बंद कमरों में जो बैठकें होती है, उसमें बहुत कुछ गलत फैसले लिए जाते है। उन्होंने आरोप भी लगाए थे कि पंाच सिंह साहिबान की होने वाली बैठकों के फैसले से पहले ऊपरी फोनों पर आदेश मिलते है।

उन्होंने कहा था कि इस तरह तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार के रूप में उनको सेवा निभाने के लिए कई प्रकार के सियासी दबावों को झेलना पड़ा, जिसके लिए उनकी अंर्तआत्मा आवाज नहीं देती। उन्होंने कहा था कि वह गलत फैसलों का समर्थन नहीं करते , इसलिए उन्हें भारी मानसिक दबावों से गुजरना पड़ा। फिलहाल ज्ञानी गुरमुख सिंह ने देर शाम श्री अकाल तख्त साहिब पर माथा टेकते हुए एसजीपीसी प्रबंधकों की मौजूदगी में अपनी सेवा संभाल ली है। इस अवसर पर अकाल तख्त साहिब पर तैनात ग्रंथी सिंहों व अन्य सेवादारों ने उन्हें सिरौपे देकर जी आया.. कहा।

– सुनीलराय कामरेड

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