लुधियाना-अमृतसर : सिखों की चुनी हुई सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी, धर्म प्रचार कमेटी और सिख इतिहास रिसर्च बोर्ड के सदस्यों की एक विशेष बैठक आज अमृतसर स्थित दरबार साहिब के तेजा सिंह समुद्री हाल में हुई। इस बैठक में सदस्यों ने पंजाब सरकार द्वारा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की पुस्तकों में से गुरू इतिहास और सिख इतिहास को खत्म करने के रोष स्वरूप अपने गुस्से का इजहार करते हुए सरकार के फैसले की निंदा की। इस दौरान 10 दिन के अंदर-अंदर अपना फैसला बदले जाने का वक्त देते हुए शिरोमणि कमेटी ने 19 मई को देश की समूह सिख पंथक जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों का इकटठ गुरूद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में बुलाए जाने का फैसला लिया।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार की गई 12वी की पुस्तक में सिख इतिहास से संबंधित विषयों पर की गई छेड़छाड़ और छिड़ी बहस नए और नाजुक दौर में दाखिल हो गई। आज एसजीपीसी अध्यक्ष भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान पंजाब की कांग्रेस सरकार को सख्त शब्दों में खिंचाई करते हुए कहा कि अगर उसने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वी के इतिहास के विषयों पर तैयार की पुस्तक को वापिस ना लिया तो पंथक सिख जत्थेबंदियों का विशाल इकटठ सख्त फैसल लेंगा। बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए जत्थेदार भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा नौजवानों को पंजाब और सिख कौम के इतिहास से तोडऩे की सोची-समझी साजिश नाकामयाब नहीं होने दी जाएंगी।
इस संबंध में आज हुई बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सिख पंथ के प्रति अपनी वचनबद्धता प्रकट की। उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों ने अपने विचार प्रकट करते हुए प्रत्येक प्रकार के संघर्ष में अग्रीम रहकर पंथ के साथ वफादारी और एकता दिखाएं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि निजी प्रकाशकों द्वारा तैयार किए जाते विषयों की सहायक पुस्तकों संबंधी भी शिरोमणि कमेटी एक सब क मेटी का गठन करेंगी जो प्रत्येक पुस्तक पर अपनी नजर रखेंगी।
– सुनीलराय कामरेड
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