पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को ‘देने’ संबंधी विपक्ष के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। सिद्धू ने यह बयान तब दिया जब उनसे खासतौर पर विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा,‘‘ मुझे जो पता चला वह मीडिया से पता चला, मैंने पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं और हम विधिवत जांच के आदेश देंगे। हम मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे।’’ विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम उनके विभाग से जुड़ा नहीं है।
सिद्धू ने कहा,‘‘ टीककरण कार्यक्रम मेरे स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा नहीं है और इसे सीधे तौर पर मुख्य सचिव और विकास गर्ग देख रहे हैं, जो टीकाकरण अभियान के लिए राज्य के नोडल अधिकारी भी है। ’’ उन्होंने कहा कि उनका विभाग जांच, उपचार और टीका लगाने का काम करता है। गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने बृहस्पतिवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर ‘ऊंची कीमतों’ पर निजी अस्पतालों को कोविड-19 टीके की खुराक बेचने का आरोप लगाया।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एक बयान में यहां आरोप लगाया कि राज्य में टीके की खुराक उपलब्ध नहीं हैं और आम लोगों को मुफ्त में टीके की खुराक देने के बदले उसे निजी संस्थाओं को बेचा जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि कोवैक्सीन टीके की खुराक राज्य को 400 रुपये में मिलती है और उसे निजी संस्थाओं को 1,060 रुपये में बेचा जा रहा है। बादल ने कहा कि निजी अस्पताल लोगों से प्रत्येक खुराक के लिए 1,560 रुपये ले रहे हैं।