आने वाले समय में पाकिस्तान की तरफ बहने वाली रावी नदी के पानी को भारत कुछ हद तक रोक सकता है। दरअसल, बता दे कि पंजाब के पठानकोट में सालों से लटके पड़े शाहपुर कांडी डैम का काम फिर से शुरू होने वाला है। सूबे के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रावी पर बन रहे इस बांध की मरम्मत में अहम भूमिका निभाई है।
आपको बता दे कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज शाहपुर कांडी डैम प्रोजेक्ट राज्य के लोगों को समर्पित किया। इस परियोजना का निर्माण 2073 करोड़ रुपए की लागत से होगा।
इस की अनुमानित लागत जो साल 2016 तक खर्च किए जा चुके 640 करोड़ रुपए से अलग है, मुताबिक ऊर्जा के लिए 1408 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे जिस में पंजाब सरकार 100 प्रतिशत हिस्सा डालेगी जबकि सिंचाई के लिए 685 करोड़ रुपए का खर्च आना है जिसमें 485 करोड़ रुपए भारत सरकार और 179.28 करोड़ रुपए राज्य सरकार की तरफ से दिए जाने हैं।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह परियोजना तीन सालों में पूरी होने की घोषणा करते हुए कहा कि इस परियोजना के चालू होने साथ राज्य भर में सिंचाई अधीन 5000 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। ऊर्जा पैदा करने के अतिरिक्त इस प्रोजेक्ट के साथ अप्पर बारी दोआब नहर के 1.18 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई सामर्थ्य में सुधार होगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस परियोजना के साथ पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी में भारी कमी आएगी और यह डैम राज्य के बहुमूल्य जल ह्मोतों को बचाने में भी सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से विस्थापित होने वाले लगभग 230 परिवारों को नौकरियों की पेशकश कर दी गई है जबकि बाकी 34 को भी जल्दी ही नौकरियां दी जाएंगी। इस मौके मुख्यमंत्री ने सांसद सुनील जाखड़ और भोआ से विधायक जोगिन्द, पाल के साथ शाहपुर तटीय डैम के निर्माण के लिए भरती हुए पांच मुलाजिमों को निजी तौर पर नियुक्ति पत्र सौंपे।