लुधियाना- होशियारपुर : पंजाब के दोआबा और माझा इलाके से बेरोजगारी के चलते पंजाबी गबरूओं का विदेशी धरती की ओर अग्रसर होना लाजिम है और इसी के चलते कई बार उन्हें साजिशन अपनी जिंदगियों से हाथ धोने पड़ते है और इसी का जीता-जागता सबूत 8 माह पहले कुवैत की जेल में बंद पंजाबी गबरू के पारिवारिक सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव रामपुर निवासी एक महिला ने कुवैत की जेल में बंद अपने भाई को हुई फांसी की सजा बचाने के लिए केंद्र और सूबा सरकार को अपील की है। बीती रात कुवैत की खरबानियां जेल से आए एक फोन ने पीडि़त परिवार को सदमे में डाल रखा है और उन्होंने अपने बच्चे की सही-सलामती वापिसी के लिए भागदौड़ शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार कुवैत में नशा तस्करी के मामले में दोषी पाए गए होशियारपुर के गांव तारागढ़ के युवक राजिंदर सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई है। परिवार ने बताया कि उन्हें जनवरी में पता चला कि राजिंदर को कुवैत में नशीले पदार्थ के साथ गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया है। अब उसे फांसी की सजा होने की सूचना मिली है। परिजनों ने प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उनके बेटे को फांसी की सजा से बचाकर वापस लाया जाए।
राजिंदर की बहन इंद्रजीत कौर और जीजा गुरजिंद्र सिंह समेत अन्य ने बतायास कि उनका इकलौता 30 वर्षीय भाई 7 साल पहले दुबई गया था और फिर दोहा-कतर चला गया। उन्होंने बताया कि जनवरी 2016 में वह कुवैत चला गया। यहां उसने सावी शहर में काम किया। फरवरी 2019 में उसके वीजा की मियाद खत्म हो गई थी। वह लौटने की तैयारी में था। मार्च में परिवार उसकी शादी करवाना चाहता था। लौटने से पहले वह अपने दोस्त सतविंदर से मिलने कुवैत के शहर खरवानिया चला गया और वहां काम करने लगा।
इस साल 15 जनवरी को वह काम पर जाने के लिए बस का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान किसी ने उसे अपना बैग थमा दिया और 10 मिनट में लौटाने की बात कही, लेकिन वह वापस नहीं आया। पुलिस ने राजिंदर को गिरफ्तार कर लिया। बैग से नशीले पदार्थ बरामद हुए। तब से वह जेल में था।
राजिंद्र सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि उस दिन के बाद ही बीती रात जेल में से उनके लडक़े राजिंद्र सिंह का फोन आया कि उसको फांसी की सजा हुई और उसके पास वकील करने के पैसे भी नहीं है। उन्होंने बताया कि फोन सुनकर उनके होश उड़ गए और पुन: संपर्क किया तो स्पष्ट हो गया कि कुवैत की अदालत ने राजिंद्र को फांसी की सजा दी है। पारिवारिक सदस्यों ने रो-रोकर बताया कि वह काफी गरीब होने के कारण पैसा नही दे सकते। उनका वकील किया जा सकें। उन्होंने केंद्र और सूबा सरकार से मांग की कि उनके बेटे को वापिस पंजाब लाया जाएं।
– सुनीलराय कामरेड