चंडीगढ: पंंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के माता राजमाता महिन्द्र कौर के भोग की रस्म के अवसर पर दिवंगत आत्मा की अरदास के लिए आज दोपहर न्यू मोती बाग पैलेसे में शब्द कीर्तन दौरान हजारों लोग श्रद्धा के फूल भेंट करने के लिए एकत्रित हुये। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, शिरेामणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व पंजाब उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद सहित अनकों गणमान्य व्यक्ति राजमाता की अंतिम अरदास में कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके परिवार के साथ शामिल हुए।
राजमाता के अंतिम अरदास के समय पंजाब विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता आप विधायक सुखपाल सिंह खेहरा सहित कई गणमान्य शख्सियतें शामिल हुई। इस अवसर पर धार्मिक नेताओं पंजाब केैबिनेट के मंत्रियों, कांग्रेसी विधायकों व कार्यकर्ता, पुलिस व प्रशासन के सीनियर अधिकारियों तथा प्रत्येक वर्ग के लोगों ने राजमाता को श्रद्धाजंलि दी। राजमाता जो कि प्रसिद्ध शख्सियत होने के इलावा पूर्व सांसद तथा अपने जीवन के अंतिम सांसों तक परउपकारी कार्यो को समर्पित रहे, की याद में धार्मिक नेताओं ने शब्द कीर्तन किया। समागम दौरान पटियाला राजमाता घराने के सदस्यों ने कहा कि राजमाता के चले जाने से एक युग का अंत हो गया है। समाज के विभिन्न वर्गो के भले के लिए डाले गये योगदान को याद करते हुये राजमाता के पारिवारिक व परिजनों ने उन्हे प्रेरणामयी शख्सियत बताया जिनके द्वारा दबे कुचले वर्गो की भलाई के लिए डाला योगदान सदैव यादों में बसा रहेगा।
देश के विभाजन के संताप दौरान बेघर हुई लड़कियों की भलाई के लिए राजमाता द्वारा की गई सहायता को याद करते विभिंन शख्सियतों ने कहा कि राजमाता की प्रभावशाली शख्शियत और मानवीय पहुंच के परिणाम स्वरूप ही उस समय के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यह महत्वपूर्ण व नाजुक कार्य उन्हे सौंपा था। इस दुख की घड़ी में कैप्टन अमरिंदर सिंह व परिवार के अन्य सदस्य हाजिर थे जिनमें में उनकी पत्नी प्रनीत कौर, भाई मालविंदर सिंह और उनकी पत्नी हरप्रिया कौर, राजमाता की बेटियां हेमइंद्र कौर, दामाद कंवर नटवर सिंह, रुपिंदर कुमारी और मेजर कंवलजीत सिंह ढिल्लों, राजमाता के भाई गुरशरण सिंह जेजी और इंद्रजीत सिंह जेजी, पौत्रा रणइन्द्र सिंह, पौत्रिया जय इंदर कौर-पौत्र दामाद गुरपाल सिंह, अमनिंदर कौर और निर्वाण सिंह और रमनीतइंद्र कौर और विवान सिंह के इलावा राजमाता के पड़पौत्र , पड़पौत्रियां और पड़दौहते तथा पड़दोहतियं शामिल थे।
परिवार के सदस्यों ने उच्च आदर्शों कद्रों कीमतों के लिए राजमाता को श्रद्धा के फूल भेंट किये। इस अवसर पर ज्ञानी गुरपाल सिंह हज़ूरी रागी गुरद्वारा श्री दुख निवारण साहिब पटियाला, भाई कुलवंत सिंह किला मुबारक, भाई लखविंदर सिंह हज़ूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर की अगुवाई में कीर्तनी जत्थों ने रसभीनी गुरवाणी कीर्तन श्रवण करके संगत को आनन्दित किया। तख़्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञान इकबाल सिह ने अरदास की तथा श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी भाई कुलविंदर सिंह ने हुक्मनामा लिया।
(उमा शर्मा)