पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बलात्कार मामले में 20 साल की कैद की सजा के खिलाफ डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की याचिका और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को उम्र कैद की सजा की मांग करने वाली दो बलात्कार पीड़िताओं की याचिका आज विचारार्थ स्वीकार कर ली।
यह मामला आज जब सुनवाई के लिए आया तो न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति सुधीर मिथल की खंडपीठ ने राम रहीम के वकील को जुर्माने के तौर पर 30 लाख रूपये दो महीने के अंदर किसी बैंक में जमा करने के निर्देश दिए।
सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम पर यह जुर्माना लगाया था। पीड़िताओं के वकील नवकिरण सिंह ने यहां बताया, गुरमीत राम रहीम सिंह की सजा बढ़ा कर उसे उम्र कैद की सजा करने के लिए बलात्कार पीड़िताओं की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली गयी है।
डेरा प्रमुख के वकील एसके गर्ग नरवाना ने भी बताया, अदालत ने (दोषसिद्धी के खिलाफ) हमारी अपील भी विचारार्थ स्वीकार कर ली है। दोनों याचिकाओं पर अब एक साथ सुनवाई होगी। नरवाना ने बताया, उच्च न्यायालय ने हमें अदालत के मार्फत एफडीआर की शक्ल में दो महीने के अंदर किसी बैंक में जुर्माना जमा करने का भी हमें निर्देश दिया।
अगर हमारी अपील हमारे पक्ष में जाती है तो हम ब्याज के साथ धन वापस पा लेंगे। जेल में बंद डेरा प्रमुख ने 25 सितंबर को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसमें पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें दो शिष्याओं के बलात्कार करने पर उसे 20 साल की सजा सुनाई गई थी।
दो बलात्कार पीड़िताओं ने भी 4 अक्तूबर को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उम्र कैद की सजा सुनाने का आग्रह किया था।