लुधियाना : सिख पंथ में दमदमी टकसाल में एक बार फिर सिख धर्म प्रचारक रंजीत सिंह ढंढरिया वाले के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद कर लिया है। दमदमी टकसाल के साथ कुछ अन्य सिख संगठनों ने भी श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिबान ज्ञानी गुरबचन सिंह से मिलकर रंजीत सिंह ढंढरिया वाले क ो अकाल तख्त साहिबपर तलब करने की मांग की है कि ढंढरिया वाले का 14 नवंबर को अमृतसर स्थित रंजीत वैन्यू में होने वाले धार्मिक समागम को रोका जाएं। जबकि दूसरी तरफ जिला प्रशासन और पुलिस को भी मिलकर सिख संगठनों ने उसी सम्मेलन को रोकने के लिए अपील की है।
संत समाज, शिरोमणि कमेटी सदस्य, पंथक आगु और सिख जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों ने ज्ञानी गुरबचन सिंह को मांगपत्र देते हुए आरोप लगाए कि ढंढरिया वाला आए दिन सिख सिद्धांतों और परम्पराओं की तौहीन कर रहा है और उसको अकाल तख्त साहिब पर तलब करके पंथक मर्यादाओं के मुताबिक कार्यवाही की जाए। सिख आगुओं ने 1978 की घटना की पुनवर्ती रोकने की दुहाई देते हुए धार्मिक दीवान रोकनेकी अपील की। उनका यह भी कहना था कि सिख पंथ में फूट होने से बचाने की खातिर और अमृतसर में अमनशांति बरकरार रखने के लिए इस समागम का रोके जाना अति आवश्यक है।
जानकारी के मुताबिक यह भी पता चला है कि इस मामले में श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहिबान ने सिखों की अपील को मध्य नजर रखते हुए शिरोमणि कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर को हिदायतें जारी की है कि इस मामले के लिए एक जांच कमेटी बनाई जाएं, जो अपनी रिपोर्ट 12 नवंबर तक उन्हें सौंपे ताकि 13 नवंबर को श्री अकाल तख्त साहिब पर होने वाली पंज सिंह साहिबान की बैठक में निर्णय लिया जा सकें। सिख संगठनों ने रंजीत सिंह ढंढरिया वाले पर आरोप लगाए है कि वह धर्म प्रचार सामग्री गुरूमती की कसौटी पर पूर्ण नहीं उतरते और सिख मर्यादा पर अकसर चोट करके संगत को सिखी मार्ग से भटकाने का यत्न कर रहे है। इससे पहले पंथक आगुओं ने सैकड़ों साथियों के साथ डिप्टी कमीश्रर अमृतसर कमलदीप सिंह संगा और पुलिस कमीश्रर एस वास्तव से मुलाकात की और ज्ञापन दिया कि रंजीत सिंह ढंढरिया वाले को यहां आने से रोका जाएं। जबकि दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन का इस संबंध में यह भी कहना था कि समागम के होने के बारे में अनुमति देना जिला प्रशासन का काम है। पुलिस तो कानून व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाएंगी।
– सुनीलराय कामरेड