लुधियाना : म्यामार में अमानवीय जुल्मों और कत्लेआम की मार झेल रहे रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी की अगुवाई में आज हजारेां मुलसमानों ने जामा-मस्जिद से मिनी सेकट्रीएट तक रोष मार्च करके अंरराष्ट्रीय संगठनों को इस कत्लेआम के विरूद्ध सामने आने की अपील की है।
जिक्रयोग है कि पिछले कई सप्ताहों से रोहंगिया की धरती पर वहां की सरकार द्वारा अत्याचार किए जा रहे है। इन्हीं अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ आज यहां पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी के आहवान पर शहर के एक लाख से अधिक मुसलमानों ने फील्ड गंज चौक स्थित जामा मस्जिद से डिप्टी कमिश्नर दफ्तर तक रोष मार्च निकाला और भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री राम नाथ कोविंद के नाम डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन दिया। वर्णनयोग है कि आज सुबह से ही लुधियाना के विभिन्न इलाकों से हजारों की संख्या में मुसलमान जामा मस्जिद पहुंचना शुरु हो गए थे।
प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में ज्यादातर अंगे्रजी भाषा में लिखे पोस्टर उठा रखे थे जिन पर रोहंगिया मुसलमानों के नरसंहार को रोकने के साथ-साथ म्यामार की स्टेट कौंसलर व नोबल पुरस्कार प्राप्त आंग सांग सू ची के विरुद्ध नारे लिखे हुए थे। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कहा कि विश्व के इतिहास में अब तक कोई ऐसा नरसंहार नहीं हुआ जैसा कि इन दिनों म्यामार की जालिम सरकार और वहां के दंगाई एक साथ मिलकर कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि हैरत की बात है कि विश्व समुदाय जो कि एक छोटी सी आतंकी घटना होने के बाद आसमान सिर पर उठा लेता है वह भी हजारों मुसलमानों के कत्लेआम पर खामोश है।
उन्होनें कहा कि भारत सरकार ने हमेशा ही म्यामार को एक अच्छा देश बनाने के लिए पड़ोसी होने के नाते रंगून की मदद की है, को चाहिए कि इस नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाए। शाही इमाम ने कहा कि वर्मा में हो रहे नरसंहार के बीच केंद्र सरकार की ओर से देश मे रह रहे चालीस हजार रोहिंग्या रिफ्यूजियों को वापिस भेजे जाने की खबर ने सिसक रहे रोहंगियों के जख्म पर नमक का काम किया है। शाही इमाम ने कहा कि भारत का संविधान ही नहीं बल्कि इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि हमनें हमेशा ही मुसीबत में शरण मांगने वालों को मना नहीं किया। शाही इमाम मौलाना हबीब ने कहा कि धर्म के नाम पर अन्याय और सियासत दोनों ही गलत है।
उन्होनें कहा कि रोहिंग्या का कत्लेआम हरगिज सहन नहीं किया जाएगा ये सिर्फ मुस्लिम समुदाय का नहीं बल्कि समूह इंसानियत को बचाने का विषय है। शाही इमाम ने कहा कि वहां जिस तरह बच्चों, औरतों और बूढ़ों का कत्ल किया जा रहा है वह सहन से बाहर है। वर्णनयोग है कि आज लुधियाना की जामा मस्जिद द्वारा एक फै क्स संदेश के जरिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एनटोनियो जूटै्रस, ओ.आई.सी (मुस्लिम देशों का समूह) के महासचिव डा. यूसुफ अल ओथम, मुस्लिम वल्र्ड लीग मक्का के महासचिव अबू अब्दुल्ला को भी ज्ञापन भेजा गया है।
( रीना अरोड़ा, सम्राट शर्मा )