पंजाब में आज विधानसभा चुनाव जारी है, वहीं इस बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर शिअद-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन सत्ता में आती है तो पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन करने का फैसला करेगी। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बिक्रम मजीठिया ने कहा, "मेरी लड़ाई पंजाब के लोगों के लिए है। अमृतसर पूर्व को विकास की जरूरत है। गरीब लोग हैं जिन्हें कल्याणकारी योजनाएं नहीं मिलती हैं। यह सबसे पिछड़ा हुआ है। चुनाव में सच्चाई की जीत होगी।"
बिक्रम मजीठिया ने किया यह बड़ा दावा
बिक्रम मजीठिया ने कहा, "हम राज्य विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठजोड़ पर फैसला करेंगे।" जनवरी में दो सीटों मजीठा और अमृतसर पूर्व से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले शिअद के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आमने-सामने कि लड़ाई में हैं। मजीठिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, "अहंकार हार जाएगा। लोगों ने कांग्रेस को पांच साल तक देखा है लेकिन उन्होंने पंजाब के विकास के लिए कुछ नहीं किया।"
गुरबचन सिंह ने भी BJP से गठबंधन की संभावना के दिए संकेत
बताते चलें कि अकाली दल के नेता गुरबचन सिंह ने भी संकेत दिया है कि अगर पार्टी के पास वोटों की संख्या कम होती है तो वह भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। गुरबचन सिंह गुरदासपुर सीट से शिअद प्रत्याशी हैं। गुरबचन सिंह ने कहा, "हमें जीत का भरोसा है। अकाली दल-बसपा पंजाब में अगली सरकार बनाएगी। संख्या कम होने पर पार्टी भाजपा का समर्थन लेने का फैसला करेगी। यह संख्या पर निर्भर करता है। लेकिन कांग्रेस हमारी नंबर 1 दुश्मन है।"
शिअद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन किया है, जिसमें दोनों दल 25 साल के अंतराल के बाद एक साथ आए हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नेतृत्व वाली बसपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शेष पर शिअद लड़ेगी।