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सरबत खालसा के जत्थेदारों ने एसजीपीसी के नवनियुक्त प्रधान लौंगोवाल को किया रदद

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लुधियाना : सिख कौम के लिए इससे बड़ी त्रासदी और क्या होंगी कि विधानसभा चुनावों के दौरान बलात्कारी सच्चा सौदा प्रमुख के आगे भीख मांगने वाले को ही सिखों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का प्रधान नियुक्त कर दिया जाएं। सरबत खालसा के तख्त श्री दमदमा साहिब के नियुक्त जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल ने बातचीत के दौरान आगे कहा कि शिरोमणि कमेटी के नए प्रधान को सरबत खालसा के सिंह साहिबान सामूहिक रूप से रदद करते है।

इस बरखास्तगी का कारण बताते हुए दादूवाल ने कहा कि पंजाब विधानसभा 2017 के चुनावों के वक्त डेरा समर्थकों के पास जाकर वोटों की भीख मांगने वाले गोबिंद सिंह लौंगोवाल को सरबत खालसा के जत्थेदार सिंह साहिबान पहले ही दोषी करार दे चुके है और इसका सामाजिक बायकाट करने का आहवाहन दे चुके है। इसलिए गोबिंद सिंह लौंगोवाल को प्रधान के ओहदे पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं।

दादूवाल ने समूह सिख संस्थाओं, सियासी पार्टियों और सिख संगत के अपील करते हुए कहा कि वह ऐसी त्रासदियों को खत्म करने और कौम की सिरमौर संस्था बादल परिवार के कब्जे से आजाद करवाने के लिए आपसी मतभेद करवाकर एक प्लेटफार्म पर इकटठे हो ताकि भविष्य में होने वाले शिरोमणि कमेटी के चुनावों में डेरेदारों के हाथों खेलने वालों को खत्म किया जा सकें और सिख संस्थाओं और परिवारों की मान प्रतिष्ठा को बहाल करवाया जा सकें। दादूवाल के मुताबिक आज शिरोमणि कमेटी सच्चा सौदा के समर्थकों के हाथों खेलने वाले सिख आगुओं के हवाले हो चुकी है।

जिनसे कौम की चढ़दी कलां और सिख संस्थाओं और परंपरा की मान मर्यादा की कोई उम्मीद नहीं। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी में बादल परिवार का लिफाफा कल्चर चलता है और गोबिंद सिंह लौंगोवाल ने भी प्रधान बनने पर उस कल्चर पर मोहर लगाई है। उन्होंने कहा कि प्रधान नियुक्त होने पर गुरू महाराज जी का शुक्राना करने की बजाए शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल का धन्यवाद किया था, जिससे साबित हो चुका है कि यह नाम भी बादलों के लिफाफे से सामने आया, जिसपर मरी जमीर वाले शिरोमणि कमेटी सदस्यों ने मोहर लगाई है।

स्मरण रहे नवनियुक्त प्रधान गोबिंद सिंह लौंगोवाल विधानसभा चुनावों में डेरा समर्थकों के पैरो पडक़र वोट मांगने गए थे और इसी क्रम में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों ने तन्खाईयां करार दिया था, जिसकी सजा वह पिछले दिनों भुगत चुके है। अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

– सुनीलराय कामरेड

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