पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खालिस्तान समर्थक संगठन के पंजाब को भारत से ‘मुक्त’ कराने के लिए पाकिस्तान से सहयोग मांगने संबंधी कथित बयान पर मंगलवार को कहा है कि इससे पाक सेना और आईएसआई के साथ संगठन की साठगांठ का पर्दाफाश हो गया है ।
मीडिया के एक वर्ग में यह खबर आयी है कि अमेरिका स्थित अलगाववादी संगठन ‘‘सिख फॉर जस्टिस’’ ने भारत से पंजाब को मुक्त कराने के लिए पाकिस्तान सरकार से कथित रूप से ‘‘जनमत संग्रह 2020’’ में सहयोग मांगा है । ‘‘जनमत संग्रह 2020’’ भारत से पंजाब को अलग करने का अभियान है ।
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सिख फॉर जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘स्थिति ठीक नहीं है और सबकुछ सामने आ गया है। एसजेएफ और पाकिस्तानी सेना के बीच गहरे संबंध अब सबके सामने हैं।’’
अमरिंदर सिंह ने एसएफजे की ‘करतारपुर साहिब सम्मेलन-2019’ की योजना पर भी आपत्ति जताई है जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के साथ पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि यह पूरा मामला पाकिस्तानी सेना द्वारा एक ‘‘बड़ी साजिश’’ है जो लगातार पंजाब में आतंकवाद को फिर से जीवित करने के प्रयास में लगी हुई है।
अमरिेंदर सिंह ने यह भी कहा है कि पड़ोसी देश की ऐसी किसी साजिश का जवाब देने के लिये पंजाब और भारतीय सेना अच्छी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब 1980 और 1990 के दशक के मुकाबले आज कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार है जब पाक समर्थित आतंकवाद से प्रदेश में जान-माल का काफी नुकसान हुआ था।’’ मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि वह एसएफजे या ऐसे किसी दूसरे संगठन को समर्थन न दे जिनकी मंशा राज्य की शांति को बाधित करना है।