लुधियाना-अमृतसर : गुरुद्वारा दरबार साहिब तरनतारन की इतिहासिक और पावन दर्शनीय डियोढी (दहलीज ) को गिराने के मामले की जांच रिपोर्ट जांच कमेटी ने आज शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल को सौंप दी है। स्मरण रहे कि कार सेवा वाले बाबा के नाम से विखयात जगतार सिंह की ओर से कुछ दिन पहले आधी रात के वक्त गुरुद्वारा तरनतारन की दर्शनीय डियोढी को हथियारबंद सेवकों के दम पर संगत के विरोध के बावजूद कार सेवा के नाम पर गिरा दिया था।
पावन डियोढी को गिराए जाने के वक्त संगत ने काफी विरोध किया। संगत की मांग थी की इस प्राचीन व इतिहासिक दर्शनीय डियोढी को संभाला जाए। जबकि एसजीपीसी ने बाबा जगतार सिंह को कार सेवा करने से पहले ही रोका हुआ था। डियोढी गिराए जाने के बाद सिख संगठन की जोर से किए गए भारी विरोध के बाद एसजीपीसी अध्यक्ष के आदेशों पर एसजीपीसी ने मामले की जांच के लिए एसजीपीसी के उप सचिव हरजीत सिंह लालूघुम्मन की कोआर्डीनेशन के तहत एक जांच कमेटी गठित की थी। जिस जांच कमेटी में भगवंत सिंह सियालका, भाई राम सिंह , गुरमीत सिंह बूह को शामिल किया गया था।
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एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने बताया कि जांच कमेटी ने अपनी बेसिक रिपोर्ट तैयार करके उनको सौंप दी है। जिस के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। इस जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज करवाया जाएगा। डियोढी तोड़ गिराने के खिलाफ संगत का काफी विरोध बढा गया था संगत की भावनाओं को भी ठेस पहुची है।
यह धार्मिक लापरवाही की घटना है। जिस मामले को श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश किया जाएगा। इस डियोढी को पहले की ही तरह तैयार करके इस की मुरम्मत करवाई जाएगी। यह काम महिरों की देख रेख में 6 माह के अंदर अंदर मुकम्मल कर लिया जाएगा।
वहीं, बाबा जगतार सिंह को भविष्य में किसी भी तरह की कार सेवा का काम देना पूरी तरह बंद कर दिया है। जांच कमेटी की ओर से की गई सिफारिशों को सख्ती से एसजीपीसी की ओर से लागू किया जाएगा। घटना होने की सारी जांच तय तक करने के लिए अभी भी जांच जारी है। इस वकत एसजीपीसी के मुख्य सचिव डा रूप सिंह और निजी सचिव सुखमिंदर सिंह भी मौजूद थे।
– सुनीलराय कामरेड