लुधियाना-अमृतसर : सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब समूह में सन 1984 के शहीदों की याद में बनाई जा रही शहीदी गैलरी की रस्मी कार सेवा शुरूआत श्री अखंड पाठ के भोग उपरांत की गई। कारसेवा आरंभ करने की रस्म श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह, श्री दरबार साहिब के सिंह साहिब ज्ञानी जगतार सिंह, एसजीपीसी अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर, दिल्ली गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके और चौक मेहता स्थित दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा द्वारा निभाई गई। इस अवसर पर भारतीय सेना के हाथों शहीद हुए लोगों की याद को समर्पित श्री अखंड पाठ की क्रमवार लड़ी भी आरंभ की गई।
इस गैलरी को बनाने की सेवा शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने श्री दमदमी टकसाल के प्रमुख जत्थेदार ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा को दी है। आज सुबह हरिमंदिर साहिब में श्री अकाल तख्त साहिब के नजदीक बनाई गई 1984 के शहीदों की यादगर की बेसमेंट में शहीदी गैलरी बनाने का काम आरंभ कर दिया गया। इस गैलरी की शुरूआत संबंधित रखे गए कार्यक्रम में अनगिनित अकाली नेता और गर्म ख्याली लोगों ने शिरकत की। इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी के प्रधान कृपाल सिंह बडूंगर ने गैलरी को हरिमंदिर साहिब समूह में समूह में स्थापित किए जाने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह खालसा द्वारा की गई मांग के आधार पर शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की आंतरिक कमेटी ने शहीदी गैलरी बनाने का फैसला लिया गया और इसकी कार सेवा भी दमदमी टकसाल को सौपी है।
शहीदी यादगर की शुरूआत 5 साल पहले 20 मई 2012 को 5 प्यारों के रूप में कौमी शख्सियतों द्वारा टक लगाकर शुरूआत की गई थी जबकि इसका नींव पत्थर 6 जून 2012 को रखा गया। मुकम्मल होने उपरांत शहीदी यादगर 27 अप्रैल 2013 को कौम को समर्पित की गई थी। सेवा आरंभ किए जाने पश्चात ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि यह शहीदी गैलरी उन शहीदों की याद में बनाई जा रही है जिन बेकसूरों को उस वक्त की सरकार और फौज ने अपना निशाना बनाया था। जिक्रयोग है कि इस शहीदी गैलरी को बनाने के लिए सिख कौम द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी।
जत्थेदार हरनाम सिंह जी ने यह भी कहा कि आज यह मांग शिरोमणि कमेटी की मदद से पूरी हुई है। उन्होंने कहा इस गैलरी में आधुनिक तरीकों के साथ उस वक्त के शहीदों के बारे में समस्त जानकारी लोगों को दी जाएंगी। कैप्टन द्वारा दमदमी टकसाल और पंजाब के माहौल को बिगाडऩे के आरोपों के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कैप्टन का संबंध उस पार्टी से है जिस पार्टी ने अकाल तख्त साहिब पर हमला करवाया।
इसलिए उनसे कोई आशा नहीं कि वह पंथ के भले के बारे में सोच सकें। उन्होंने कहा कि सिख कौम अमन पसंद है। उन्होंने यह भी कहा कि दमदमी टकसाल ने कभी भी पंजाब के शांत माहौल को बिगाडऩे की कोशिश नहीं की बलिक सत्ता में काबिज ऐसे लोग स्वयं ही बयानबाजी करके पंजाब के माहौल को बिगाडऩे की कोशिशें करते है। उन्होंने यह भी कहा कि शहीदी यादगर स्थापित करने के वक्त ऐसे लोगों द्वारा बहुत से बयान दिए गए। परंतु जिस प्रकार शांतमयी तरीके के साथ यादगर को स्थापित किया गया था, उसी प्रकार इस गैलरी को भी स्थापित किया जाएंगा।
– सुनीलराय कामरेड