लुधियाना-अमृतसर: पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) द्वारा 12 जून को पंजाब सरकार की नीतियों के विरूद्ध रोष धरनों और प्रदर्शनों में शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी शामिल होने की आज घोषणा की है। इस संबंध में शिरोमणि कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बंडूगर द्वारा आज इस संबंधी बयान जारी किया गया है। प्रो. बडूंगर ने पंजाब की कैप्टन सरकार पर सिख समस्याओं को जानबूझकर नाकरात्मक रवैया अपनाने के आरोप लगाते हुए कहा है कि शिरोमणि कमेटी सरकार की किसी भी ऐसी चाल को सफल नही होने देंगी जो सिख सरोकारों के विरूद्ध हो। उन्होंने कहा कि सरकार के इस नजरिए के खिलाफ शिरोमणि कमेटी चुप नही बैठेंगी।
प्रो. बडूंगर ने सिख पंथ के खिलाफ की जा रही कार्यवाहियों का हवाला देते हुए शिरोमणि कमेटी के सभी सदस्य सहबानों को धरनों में शामिल होकर आवाज बुलंद करने के आदेश दिए है। जिक्रयोग है कि शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी द्वारा 5 मुख्य मुददों को लेकर पंजाब के हर जिले में जिला स्तर पर मंगलवार को धरने दिए जा रहे है। इन धरनों की अगुवाई करने के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल स्वयं लुधियाना पहुंचेंगे।
लुधियाना के रोष धरने में बड़ा इकटठ करने के लिए सभी अकाली नेताओं को हुकम जारी कर दिए गए है। जिन मुददों पर धरना दिया जा रहा है उनमें सबसे अहम मामला रेत माइनिंग का है। इससे पहले भी कई स्थानों पर देखने को मिला था कि सुखबीर बादल धरनों में शामिल नहीं हुए। विशेष तौर पर उस वक्त जब पंजाब के माझा इलाके में विक्रम मजीठिया ने कांग्रेस और पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला, उस वक्त सुखबीर बादल गैरहाजिर थे। उस समय सिख सियासत के अंदर सुखबीर बादल के ना पहुंचने के कारण सवालिया निशान लगे थे। हालांकि सुखबीर बादल अधिकांश वक्त अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ पंजाब से बाहर रहे थे और विधानसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने पंजाब के जिलों के अंदर अपने दौरे कम कर दिए थे।
(सुनीलराय कामरेड)