लुधियाना-अमृतसर : सरबत खालसा के ऐलान के बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने आज पंज सिंह साहिबानों के फैसले के बाद शिरोमणि अकाली दल (बादल) के रहे वरिष्ठ नेता और पूर्व अकाली मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह द्वारा सिख धर्म में 4 बजर कुरीतियों में शामिल पराई स्त्री के साथ जबरी संबंध और गबन को मुख्य रखते लंगाह की सोशल मीडिया पर जारी हुई अश£ील वीडियो का कड़ा नोटिस लेते हुए जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह जी ने अकाल तख्त साहिब की डयोरी से सुच्चा सिंह लंगाह को संगत की मांग पर सिख पंथ से छेकने का फैसला सुना दिया।
उन्होंने नानक नाम लेने वाली संगत को आदेश देते हुए कहा कि इस शख्स के साथ किसी भी किस्म की रोटी-बेटी की सांझ भविष्य में ना रखी जाएं। अगर किसी भी संस्था का यह सदस्य है, उसको भी हुकम दिया जाता है कि इसको बिना किसी देरी बरखास्त कर दिया जाएं। जबकि सच्चा सौदा डेरे पर वोट मांगने गए सिख आगुओं में शामिल करीब साढ़े तीन दर्जन आगुओं में से 2 को छोडक़र बाकी तनख्वाह लगवाकर सजा भुगत चुके है परंतु पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का पतित बेटा अर्जुन बादल और कांग्रेसी आगु राजिंद्र कौर भटठल पेश नहीं हुए जिनको एक ओर मौका देते हुए पेशे होने के आदेश जारी किए है। अन्यथा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें सजा भुगतनी पड़ सकती है।
आज सुबह- सवेरे दरबार साहिब स्थित श्री अकाल तख्त साहिब पर धार्मिक सलाहकार बोर्ड के साथ विशेष बैठक करने के उपरांत पंज सिंह साहिबान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह और तख्त हुजूर साहिब के जत्थेदार के प्रतिनिधि ना पहुंचने के कारण उनके स्थान पर श्री दरबार साहिब के अतिरिक्त हैड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने करीब 3 घंटे गहन विचार-विमर्श करने उपरंात एक अबला नारी की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने वाले आगु सुच्चा सिंह लंगाह को पंथ से छेक देने का फैसला किया। इस फैसले को सिंह साहिबान ने रिवायतों के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब की डयोरी में जाकर ना कोई अपील और ना ही दलील को आधार बनाते हुए फैसला सुना दिया। ज्ञानी गुबरचन सिंह से पहले ज्ञानी रघुबीर ङ्क्षसह ने कहा कि पंज सिंह साहिबान की बैठक में जो फैसला लिया गया है वह जत्थेदार अकाल तख्त संगत के सम्मुख पेश करेंगे।
ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सिख संगत के सम्मुख होते सुच्चा सिंह लंगाह पर लगे दोषों का कच्चा चिटठा खोलते हुए कहा कि उनको बात करते भी शरमिंदगी महसूस हो रही है और ऐसे कारनामों को अंजाम देने वाले को डूब मरना चाहिए। हालांकि आरोपी अब कानून की गिरफत में है। उन्होंने कहा कि सिख पंथ के जरनैलों ने अपनी बेटी-बहनों की रक्षा करने के अतिरिक्त दूसरे धर्माे की बहन बेटियों की रक्षा खंडे की धार पर की थी परंतु सुच्चा सिंह लंगाह का बंजर गुनाह ना माफी योगय है। उन्होंने कहा कि अकाली दल ने उन्हें सारे पदों समेत आरंभिक सदस्यता से भी खारिज कर दिया है और अन्य संस्थाओं को आदेश दिया जाता है कि लंगाह अगर किसी भी संस्था का सदस्य है तो उस पर विचार किए बिना देरी से बरखास्त कर दिया जाएं। उन्होंने अलग-अलग रागी, ढाढीए, गंथिए, पाठिए और गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटियों को आदेश जारी करते हुए लंगाह से संबंधित किसी भी प्रकार की अरदास ना किए जाने की हिदायतें दी है और किसी की भी शिकायत अकाल तख्त साहिब पर पहुंचती है तो उसके विरूद्ध भी कार्यवाही की जाएंगी।
एक सवाल के जवाब में जत्थेदार ने यह भी कहा कि सुच्चा सिंह लंगाह कानूनी पचड़ों के बाद अपनी माफी के लिए दरखास्त देना चाहें तो उसपर विचार किया जा सकता है पंरतु फैसला पंंथ की भावनाओं के अनुरूप लिया जाएंगा। जिक्रयोग है कि 29 सितंबर को गुरदासपुर की रहने वाली एक महिला द्वारा सुच्चा सिंह लंगाह पर 8 साल से डरा-धमकाकर बलात्कार किए जाने के इल्जामों के उपरांत पंजाब पुलिस ने मामला दर्ज किया था। पीडि़ता द्वारा पुलिस को सबूत के तौर पर एक विडियो भी दी गई थी। जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। पीडि़त महिला ने आरोप लगाए थे कि 2009 में जब वह अपने परिवार समेत चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में सुच्चा सिंह लंगाह को मिली थी तो तरस के आधार पर मृतक पति के स्थान वाली सरकारी नौकरी के बदले उसे अपना जिस्म लंगाह को ना चाहते हुए भी सौंपना पड़ा था। पीडि़ता की शिकायत के मुताबिक लंगाह कई बार डरा-धमकाकर उसका शारीरिक शोषण करता रहा है।
– सुनीलराय कामरेड