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श्री अकाल तख्त साहिब पर ‘घल्लुधारा दिवस’ के संबंध में शुरू हुए श्री अखंड पाठ साहिब..

श्री अकाल तख्त साहिब पर 35वें ‘घल्लुधारा दिवस’ के संबंध में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ किए गए। जिसका भोग 6 जून की सुबह होंगे।

लुधियाना-अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब पर 35वें ‘घल्लुधारा दिवस’ के संबंध में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ किए गए। जिसका भोग 6 जून की सुबह होंगे। इस उपरांत श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह कौम के नाम संदेश जारी करेंगे। इस अवसर पर समूह संगत द्वारा जून ‘84’  में  शहीद हुए सिंह -सिंहनियों के लिए नामित अरदास की जाएंगी। आज श्री अखंड पाठ साहिब की शुरूआत के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी गुरमुख सिंह, ज्ञानी मलकीत सिंह वरपाल के अलावा जरनैल सिंह सखीरा, शिरोमणि कमेटी सदस्य भाई मंजीत सिंह, हरबीर सिंह संधू और अन्य सिख संगत मौजूद थे। 
स्मरण रहे कि पंजाब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबियों के रोष में पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह द्वारा कौम के नाम संदेश जारी करने का गर्मदलीय सिख जत्थेबंदियों द्वारा तीखा विरोध किया जाता रहा है। 
सूत्रों के मुताबिक इस बार भी 2015 में चब्बे की पावन धरती पर हुए सरबत खालसा के कार्यकारिणी जत्थेदार  भाई ध्यान सिंह मंड द्वारा ‘घल्लुधारा दिवस’ के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचने का ऐलान किया गया है। चाहे मोजूदा कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की तरह सिख जत्थेबंदियों में विरोध नहीं है लेकिन समझा जा रहा है कि संदेश जारी करने को लेकर कुछ सिख जत्थेबंदियों और सरबत खालसा के जत्थेदारों द्वारा इस बार भी विरोध किया जा सकता है। 
इसी दौरान ‘घल्लुधारा दिवस’ के संबंध में शिरोमणि कमेटी द्वारा आज 4 जून को श्री अकाल तख्त साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब आरंभ करवाए गए है। इस दौरान 35 साल पहले शहीद हुए  संगत के वारिसों को श्री अकाल तख्त साहिब पर सिरौपे देकर सम्मानित भी किया जाएंगा। 
हर वर्ष की तरह इस बार भी 6 जून को श्री हरिमंदिर साहिब में वर्ष 1984 में हुए अप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए विभिन्न सिख संगठनों के नेता व कार्यकर्ता पहुंच रहे है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब पर कौम के नाम संदेश पढ़ा जाएगा। इस दौरान कोई भी संगठन और उनके कार्यकर्ता किसी तरह की हुल्लड़बाजी न करे इस के लिए एसजीपीसी ने प्रबंध पूर्ण कर लिए है। इस के लिए एसजीपीसी ने अपनी टास्कफोर्स और अन्य कर्मचारियों की ड्यूटियां लगा दी है। वहीं बडीं सख्या में पंजाब पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मचारी भी सिविल कपड़ों में श्री हरिमंदिर साहिब परिक्रमा में तैनात रहेंगे। 
इस को लेकर पंजाब पुलिस के डीजीपी ने रविवार अमृतसर और बार्डर जोन के पुलिस अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक करके दिशा निर्देश भी दिए है। उधर महिला पुलिस की एक बटालियन भी सिविल कपड़ों में हरिमंदिर साहिब के अंदर तैनात करने की हिदायत कर दी गई। पता चला है कि हरिमंदिर साहिब के अंदर परिक्रमा आदि में एसजीपीसी और पंजाब पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के करीब दो हजार कर्मचारी तैनात रहेंगे। जो 6 जून को श्री हरिमंदिर साहिब कंपलेक्स  में  श्री अकाल तख्त साहिब के सामने आयोजित किए जाने वाले श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल होने वाले अलग अलग सिख संगठनों के वर्करों और नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
हालांकि पुलिस द्वारा 3500 के करीब पुलिस अधिकारी और सादी वर्दीधारियों की शांति बनाए रखने हेतु डयूटियां लगाई गई है। जबकि एसजीपीसी की तरफ से टॉस्क फोर्स के सेवादार भी डटे रहेंगे।
सिख कौम के अंदर बहुत सारे सिख संगठनों के कार्यकर्ता एसजीपीसी की ओर से तैनात किए गए श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार को स्वीकार नहीं करते है। संभावना है कि इस बार भी जब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब से कौम के नाम संदेश जारी करेंगे तो उस दौरान गर्म विचारधारा वाले संगठनों के कार्यकर्ता खालिस्तान के नारे लगा सकते है।
उधर सरबत खालसा की ओर से श्री अकाल तख्त साहिब के तैनात किए गए कार्यवाहक जत्थेदार ध्यान सिंह मंड भी 6 जून को श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच कर कौम के नाम संदेश जारी करेंगे। इस दौरान एसजीपीसी की कोशिश होगी कि भाई मंड अपना संदेश न पढ़े जिस को लेकर टकराव की संभावना पैदा हो सकती है। भाई मंड के साथ अकाली दल अमृतसर , बरगाड़ी मोर्चा और बादल अकाली दल विरोधी सिख संगठनों के कार्यकर्ता भी श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच रहे है। इस के लिए गर्म विचारधारा वाले सिख संगठनों ने अपनी रणनीति पूरी तरह तैयार कर ली है।
इस बार अकाली दल अमृतसर और दल खालसा ने इक_े रूप में चलने का फैसला लेते हुए अलग अलग घल्लुघारा मार्च निकले की जगह 5 जून को शाम के वक्त इक_ा मार्च आयोजित करने का फैसला लिया है। ताकि बादल विरोधी संगठनों की शक्ति कमजोर न हो सके। 6 जून को भी दोनों संगठनों के वर्कर इक_ा श्री हरिमंदिर साहिब में श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए जाएंगे। उधर एसजीपीसी की ओर से अप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान श्री हरिमंदिर साहिब में मारे गए लोगों के परिवारों को भी सम्मानित करने की योजना बनाई गई है। जिनको श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की ओर से सम्मनित किया जाएगा।
अकाली दल अमृतसर के महामंत्री जरनैल सिंह सखीरा कहते है कि सरबत खालसा के जत्थेदार सिंह साहिब भाई ध्यान सिंह मंड 6 जून को श्री हरिमंदिर साहिब जरूरी पहुुंचेगे और अपना संदेश सिख कौम के नाम जारी करेंगे। अगर पुलिस या सुरक्षा एजेंसियां भाई मंड को हरिमंदिर साहिब जाने से रोकती है तो सिख कौम इस का विरोध करेगी। वहीं घल्लुघारा मार्च वह दल खालसा के साथ मिल कर मनाने जा रहे है। ताकि पंथक शक्ति बंट न सके। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए सरबत खालसा के जत्थेदारों के साथ साथ अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान भी पहुंच रहे है।
उधर दल खालसा के प्रवक्त कंवरपाल सिंह बिट्टू ने कहा कि उनके कार्यकर्ता भी श्रद्धांजलि शांतिमय ढंग से भेंट करने के लिए 6 जून को श्री हरिमंदिर साहिब में जाएंगे। उनके कार्यकर्ता कभी भी हुल्लड़बाजी के समर्थक नहीं है। परंतु एसजीपीसी के अधिकारी और कर्मचारी अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों को बोलने के लिए समय न देकर उलटा उनको वहां जाने से रोकते है जिस से विवाद पैदा होता है। अगर एसजीपीसी किसी तरह की कोई रूकावट पैदा नहीं करती तो श्री हरिमंदिर साहिब के अंदर किसी भी तरह का कोई विवाद पैदा नही हो सकता। इस को लेकर कई बार एसजीपीसी से बात भी की है।
 परंतु एसजीपीसी खुद ही इस के लिए गंभीरता नहीं दिखाती। जिस से प्रतीत होता है कि एसजीपीसी जानबूझ का वहां तनाव पैदा करना चाहती है ताकि वह सरकारों और एजेंसियों के उपर अपना दबाव रख सके। यहां तक कि जब अन्य संगठनों के प्रतिनिधि बोलने की कोशिश करते है ते माइक आदि बंद कर दिए जाते है। 
एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल कहते है कि उनकी ओर से सभी संगठनों को अपील है कि 6 जून को श्री हरिमंदिर साहिब कंपलेक्स में शांति व तनाव रहत महौल बनाए रखा जाए। इस के लिए एसजीपीसी के कर्मचारियों की भी अवश्यक ड्यटिया लगाई गई है।
– सुनीलराय कामरेड

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