अमृतसर : पंजाब कैबिनेट में विभाग बदलने के बाद नाराजगी में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को यहां अपने समर्थकों से मुलाकात की और कहा कि वह कांग्रेस के साथ बने हुए हैं।
सिद्धू ने अपने आवास पर नगर निकाय के स्थानीय पार्षदों सहित अपने समर्थकों से मंगलवार और बुधवार को मुलाकात की।
सिद्धू के आवास पर मिलने वाले पार्षदों में से एक मोनिका शर्मा ने बताया, ‘‘ बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने (सिद्धू ने) पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है न कि पार्टी से । उन्होंने बैठक के दौरान सभी लोगों को पार्टी के लिए कड़ी मेहनत के लिए प्रोत्साहित किया।’’
स्थानीय नेता के अनुसार, कांग्रेस विधायक ने कहा कि भविष्य में भी उनका पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है ।
बुधवार को भी पार्टी कार्यकर्ता सिद्धू के बंगले पर जमा हुए ।
उनके विश्वस्त सहयोगी और एक पार्षद के बेटे मिठू मदान ने कहा, ‘‘सिद्धू ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र में घर घर जायें और लोगों की समस्याओं को सुनें और उसके बाद वह स्वयं भी ऐसा करेंगे ।’’
मदान ने बताया कि सिद्धू ने कार्यर्ताओं से कहा कि वह अगले छह महीने तक अपने निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद रहेंगे ।
एक अन्य पार्षद दमनदीप सिंह उप्पल ने बताया, ‘‘सिद्धू ने सोसाइटियों को विकास कार्य के लिए 20 लाख रुपये के चेक वितरित किये । उन्होंने सरकारी अधिकारियों को फोन कर निर्देश दिये कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में काम काज समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए ।’’
सिद्धू पहले भाजपा में थे और प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ सिद्धू के रिश्ते सहज नहीं है। छह जून को मंत्रिमंडल में हुए बदलाव में उनका स्थानीय सरकार और पर्यटन मंत्रालय का विभाग बदल कर, उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया गया था लेकिन उन्होंने यह पदभार ग्रहण नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को मंत्रिमंडल से सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। वहीं मोनिका शर्मा ने बताया कि बैठक में सिद्धू ने कहा कि वह जमीनी हकीकत जानने के लिए रोजाना अपने क्षेत्र का दौरा करेंगे।