पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकर कलां में उनके स्मारक पर मत्था टेका। इस अवसर पर उनके साथ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और छह अन्य विधायक अंगद सैनी, दर्शन एस मंगूपुर, राजकुमार वेरका, सुखपाल भुल्लर, इंद्रबीर सिंह बोलारिया और गुरप्रीत जीपी भी उपस्थित थे।
सिद्धू ने अपने गृह क्षेत्र अमृतसर की ओर बढ़ते हुए खटकर कलां में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद स्मारक पर ‘शहीदा तेरी सोच ते, पहरा देंगे ठोक के’ के नारे भी लगाए। उन्होंने स्मारक स्थल पर मीडिया से कहा, ‘‘मैं यहां शहीद की भूमि से निर्देश लेने आया हूं। मैं चाहता हूं कि सभी पंजाबी भगत सिंह से ताकत लें और ‘हक ते सच दी लडाई’ पर निकल जाएं। राज्य की समृद्धि के लिए चल रही खोज में हर पंजाबी को खुद को एक हितधारक समझना चाहिए।’’
उनके कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से कुछ घंटे पहले दोआबा किसान यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले किसान स्मारक पर बड़ी संख्या में जमा हो गए। किसानों ने कहा कि वे उनसे कहने आए थे कि उन्हें यहां आकर पंजाब के बारे में झूठे वादे नहीं करने चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिद्धू ने अब तक उनके चल रहे आंदोलन का समर्थन नहीं किया है। राजनीतिक नेताओं की कड़ी सुरक्षा के कारण किसान सिद्धू से नहीं मिल सके, इसलिए उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए फगवाड़-नवांशहर राजमार्ग को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया।
सिद्धू के दौरे से पहले कांग्रेस की अंदरूनी कलह के नजारे भी सामने आए। बंगा के कांग्रेस कार्यकर्ता जो कुछ सिद्धू के समर्थन और कुछ विरोध में हैं, एक-दूसरे के सामने आ गए और उनके समर्थक और विरोध में नारेबाजी करने लगे। सिद्धू खटकर कलां की यात्रा के दौरान चोटिल भी हो गए। उन्होंने मूर्ति को सम्मान देने के लिए अपने जूते उतारे थे और मीडिया को संबोधित करने के लिए नंगे पैर चल रहे थे, तभी उनके पैर के अंगूठे का नाखून निकल गया। बाद में उन्हें कार में बैंडेज दिया गया।