पत्रकारों से बातचीत के दौरान सिद्धू से पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के भारत के विरोध में दिए गए बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। सिद्धू ने कहा, नो कमेंट्स। इसके साथ वह बोले कि दोनों देशों के लिए आगे बढऩे का एक ही रास्ता है वार्ता। तरक्की एक ही रास्ता है शांति। दोनों देशों को शांति और दोस्ती के रास्ते पर बढक़र वार्ता करनी चाहिए।
पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने शुक्रवार को ही भारत को गीदड़भभकी दी है। उन्होंने कहा कि सरहद पर जो लहू बह चुका है और जो बह रहा है, सभी का हिसाब लेंगे। बाजवा ने विवादित बयान में कहा कि वह कश्मीर के लोगों को सलाम करते हैं जो वहां खड़े हैं और बहादुरी से लड़ रहे हैं।
सिद्धू के पाक सेना प्रधान से गले मिलने पर हुआ था भारी विवाद
स्मरण रहे कि नवजोत सिंह सिद्धू पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए थे और वहां वह पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे। इस पर भारत में काफी विवाद हुआ था और नवजोत सिंह सिद्धू निशाने पर आ गए थे। इसके बाद सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा, पाकिस्तान के सेना अध्यक्ष ने उनसे कहा था कि गुरु नानकदेव के 550वें प्रकाशोत्सव पर पाक श्री करतारपुर साहिब मार्ग खोलने पर विचार कर रहा है। यह सुनकर मैंने खुशी में पाक सेना प्रधान को गले से लगा लिया।
यह है श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारे का महत्व
श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारे को पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी। उन्होंने यहां से लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। यह स्थल पाकिस्तान में भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है और अभी पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक बार्डर आउटपोस्ट से दूरबीन से भारतीय श्रद्धालु इस गुरुद्वारे के दर्शन करते हैैं। श्री गुरुनानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व 2019 में वहां मनाया जाना है और इस अवसर पर सिख समुदाय इस कॉरिडोर को खोलने की मांग जोर शोर से कर रहा है।