कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की कोर्ट में सरेंडर वाली मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीजेआई ने कहा, हम इस मामले में तुरंत सुनवाई नहीं कर सकते हैं, हर चीज की एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि, सिद्धू पहले रजिस्ट्री को पत्र दें। बता दें कि, सिद्धू को आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन उन्होंने कोर्ट से और समय मांगा था। उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सरेंडर करने में और समय मांग की थी। जिसकी तत्काल सुनवाई करने पर सुप्रीम कोर्ट इनकार कर दिया है। हालांकि कल सिद्धू ने कहा था कि, मैं कानून का सम्मान करूंगा।
कोर्ट ने कल सुनाई थी एक वर्ष की सजा
कोर्ट ने कल सुनाई थी एक वर्ष की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने कल नवजोत सिंह सिद्धू को वर्ष 1988 में रोडरेज के मामले में एक साल की सजा सुनाई थी तथा एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इस मामले में वर्ष 1999 में जिला अदालत ने सिद्धू को बरी किया था। जिसके बाद पीड़ित पक्ष ने पंजाब-हरियाणा कोर्ट में जिला अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने इस मामले में सिद्धू को दिसंबर 2006 में तीन वर्ष की सजा सुनाई थी और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद सिद्दू ने हाई कोर्ट में आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। इससे पहले वर्ष 2018 में एक रिव्यु पिटीशन जारी की गई थी।
जानिए क्या था मामला
दरअसल वर्ष 1988 में जब सिद्धू क्रिकेटर थे तब पटियाला में पार्किंग को लेकर उनका एक विवाद हुआ था। उस विवाद में सिद्दू ने एक 65 वर्षीय बुजुर्ग गुरनाम सिंह को बहस के बाद घुटना मार दिया था जिससे वह घायल हो गए थे। उसके बाद जब गुरनाम सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी। हालांकि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत की खबर सामने आई थी।
दरअसल वर्ष 1988 में जब सिद्धू क्रिकेटर थे तब पटियाला में पार्किंग को लेकर उनका एक विवाद हुआ था। उस विवाद में सिद्दू ने एक 65 वर्षीय बुजुर्ग गुरनाम सिंह को बहस के बाद घुटना मार दिया था जिससे वह घायल हो गए थे। उसके बाद जब गुरनाम सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी। हालांकि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत की खबर सामने आई थी।