लुधियाना-अमृतसर : स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा करोड़ों रूपए के घोटाले के मामले में गुरू की नगरी अमृतसर स्थित इम्प्र्रूवनमेंट ट्रस्ट में की गई जबरदस्त कार्यवाही का असर लुधियाना- जालंधर व पटियाला समेत म्यूनिसिपल कारपोरेशनों में स्पष्ट दिखाई देने लगा है।
हालांकि अलग-अलग मामलों में जालंधर नगर निगम में दो बार सीवीओ और एक बार बीते दिनों विभाग की टीमें जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में भी जांच करने के लिए आ चुकी है। सीवीओ पिछले ही हफते दमन भल्ला के मामले में जालंधर कार्यालय में जांच के लिए आई थी। सूत्रों की मानें तो स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तो विभाग में पहले उन मामलों में सफाई का काम कर रहे है जिनमें भ्रष्टाचार के दोषों की जांच करके कई मामलों की सच्चाई सामने आई थी। सिद्धू द्वारा की गई कार्यवाही के साथ जालंधर में अफरातफरी होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि लुधियाना में भी कई स्कीमों के बारे में बेनामियों की चर्चा चलती रही है।
स्मरण रहें कि अमृतसर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट कार्यालय में करोड़ों रूपए के घोटाले के समाचार अकसर अखबारों की सुर्खिया बनती रही है। अब स्थानीय निकाय विभाग पंजाब के प्रिंसीपल सतीश चंद्र द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय पुलिस स्टेशन सिविल लाइंस में ट्रस्ट कार्यालय में डिप्टी कंट्रोलर फाइनांस एंड अकाउंटस अफसर रह चुके प्रमुख आरोपी दमन भल्ला के साथ-साथ ट्रस्ट के ईओ रह चुके अरविंद शर्मा, परमजीत सिंह, दयालचंद गर्ग और महिला अकाउंट अफसर टीना वोहरा , अकाउंटस क्लर्क सतनाम सिंह, तथा विभाग के ऑडिट करने वाले सीए संजय कपूर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा में मुकदमा न. 450 -217 दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। यह भी पता चला है कि पिछले साल केंद्र की सरकार द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रूपए के नोट बंद करके नोटबंदी की गई थी। नोटबंदी से पहले एक नवंबर को विवादित बैंक 35 लाख की राशि निकलवाई गई थी और 10 नवंबर को 85 लाख की राशि इसी बैंक खाते में जमा करवाई गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि नोटबंदी के दौरान लाखों का काला धन सफेद करने के लिए कोई बड़ा गोलमाल किया गया है।
– सुनीलराय कामरेड