भारत सरकार ने देश के कई राज्य में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुसलमानों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मांगे है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर पंजाब के लुधियाना में रह रहे सिख शरणार्थियों ने खुशी जाहिर की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सरकार के इस फैसले पर काबुल से आए सिख शरणार्थी अमरीक सिंह ने कहा कि साल 2013 में वह काबुल से आया था। वहां उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। अमरीक सिंह ने भारत सरकार के इस फैसले पर धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की।
केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम, 1955 के 2009 के नियमों के तहत एक अधिसूचना जारी करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उन गैर-मुसलमानों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए कहा है जो गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं।
यह लाभ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को मिलेगा जो भारत में कम से कम 11 साल के निवास के बाद नैचुरलाइजेशन (किसी भी देश की नागरिकता प्राप्त करने की कानूनी विधि) के द्वारा किसी भी विदेशी नागरिक पर लागू सभी शर्तों को पूरी करते हैं।