लुधियाना-अमृतसर : पंजाब के पूर्व अकाली केबिनेट मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह ने अपनी करतूतों के संबंध में 5 प्यारों के आगे पेश होकर क्षमायाचना की तो लंगाह की क्षमायाचना पर 5 प्यारों ने उन्हें फिर से अमृत छकाते हुए इतिहासिक गुरू घर गुरूद्वारा गड़ी बाबा बंदा सिंह बहादुर गुरू दास नंगल में 21 दिन प्रतिदिन एक घंटा झाड़ू लगाने और संगत के झूठे बर्तन साफ करने की धार्मिक सजा सुनाई। सुच्चा सिंह लंगाह ने इस अवसर पर कहा कि उसका परिवार हमेशा गुरू घर को समर्पित रहा है और मैं बतौरे गुरू घर का दास 5 प्यारों द्वारा लगाई सेवा को सिर मत्थे परवान करते हुए पूरी तनदेही से सेवा निभाउंगा।
उधर लंगाह को कुछ निहंग सिंहों द्वारा सजा लगाकर पंथ में शामिल करने की कार्यवाही पर शिरोमणि कमेटी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इसी मामले में गुरूद्वारा साहिब के 3 मुलाजिमों जिनमें इंचार्ज रछपाल सिंह, ग्रंथी भाई खुशवंत सिंह और कथावाचक हरप्रीत सिंह को डयूटी की कोताही के कारण बरखास्त कर दिया है। आज सुच्चा सिंह लंगाह को पंथ में शामिल किए जाने के बीच कई सिख संगठनों ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को मांग पत्र सौंपे। दमदमी टकसाली आगु भाई लखविंद्र सिंह ने कहा कि सुच्चा सिंह लंगाह के साथ मिलकर जिन लोगों ने हिमाकत की है, उनको भी पंथ से निकाला जाएं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी अकाली आगु सुच्चा सिंह लंगाह से संबंध रखने के आरोपों में शिरोमणि कमेटी गुरिंद्रपाल सिंह गोरा समेत 2 व्यक्तियों को तनखाइयां करार दिया। जबकि सुच्चा सिंह लंगाह स्वयं को सियासत का शिकार बताते हुए अकाल तख्त साहिब पर कई बार गुहार लगा चुका था लेकिन अब तक उन्हें माफी नहीं मिली है।
स्मरण रहे कि 3 साल पहले वर्ष 2017 में पराई औरत से संबंध रखने के एक मामले में फंसते ही शिरोमणि अकाली दल ने सुच्चा सिंह लंगाह को पार्टी से निलंबित कर दिया था और श्री अकाल तख्त साहिब ने सिख संगठनों से पहुंची शिकायतों को ध्यान रखते हुए लंगाह को सिख पंथ से छेक दिया था जबकि कानूनी कार्यवाही से बचते-बचाते लंगाह के मामले में उक्त महिला ने अपनी शिकायत वापिस लेते हुए लंगाह को सियासी जीवनदान दिया था।
– सुनीलराय कामरेड