लुधियाना : पिछले लंबे अर्से से सिख धर्म प्रचारक भाई रंजीत सिंह ढंढरिया वाले से पंथक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने को लेकर छिड़े विवाद के दौरान सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ वीडियो जारी करने के बाद आज गुरूमति विद्यालय दमदमी टकसाल जत्था भिंडरा-मेहता अजनाला के मुख्य प्रबंधक और 2015 में सरबत खालसा द्वारा नियुक्त किए गए सिंह साहिब जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला ने आज खुलकर मीडिया के सामने एक बार फिर ढंढरिया वाले को खुली चुनौती दी है।
श्री हुजूर साहिब से यात्रा करके वापिस पहुंचे भाई अमरीक सिंह अजनाला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि वह भाई रंजीत सिंह ढंढरियावाले से श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हुजूरी में जहां भाई रंजीत सिंह चाहते हैं पंथक मुद्दों पर विचार चर्चा करने के लिए तैयार हैं। भाई अजनाला ने यह भी कहा कि रंजीत ङ्क्षसह ढंढरिया वाला विचार चर्चा करने से भाग रहे हैं। वह टीवी पर डिबेट करने के लिए कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राचीन सिख इतिहास की परंपराओं के मुताबिक पंथक मुद्दों पर विचार-विमर्श और किसी भी प्रकार की तकरार मिटाने के लिए हमेशा श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की उपस्थिति में सगत के भारी एकत्रित हो कर चर्चा की जाती है ना कि टीवी चैनलों पर या फिर बंद कमरों में विचार-विमर्श होता है। उन्होंने ढंढरिया वाले को वह बात करने के लिए तैयरा है, बातचीत की जगह भी आप तय करें, समय भी और तारीख भी लेकिन जो भी बात होंगी श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की हुजूरी के सामने होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें किसी भी स्थान पर कोई खतरा नहीं।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों द्वारा सिख धर्म प्रचारक रंजीत सिंह ढंढरिया वाले पर सिख इतिहास को लेकर तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग से पेश करने के आरोप लगे थे। इसी दौरान दमदमी टकसाल और भाई अमरीक सिंह अजनाला द्वारा खुले तौर पर ढंढरिया वाले के सजाएं गए धार्मिक दीवानों का विरोध किया जा रहा था।
इसी विवाद को निपटाने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा भाई ढंढरिया वाले से बातचीत करने के लिए सिख विद्धानों की 5 सदस्य कमेटी बनाई गई, जिसके सामने पेश होने से ढंढरिया वाले ने स्पष्ट इंकार किया था। ढंढरिया वाले का कहना था कि जत्थेदार द्वारा पक्षपात किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लुधियाना में छबील के नाम पर उनके एक सिख साथी की हत्या कर दी गई, जबकि जत्थेदार द्वारा इसकी सार्वजनिक निंदा तक नहीं की गई। आखिर ढंढरिया वाले ने भारी पुलिस बंदोबस्त के तहत सजने वाले धार्मिक दीवान को यह कहकर त्याग दिया कि वे सजने वाले दीवान के दौरान किसी भी प्रकार का खून-खराबा नहीं चाहते या इस विवाद में किसी की गिरफ्तारी हो।
-सुनीलराय कामरेड