लुधियाना-अमृतसर : पंजाब की अकाली सियासत में एक हद तक दखलअंदाजी और रूतबा रखने वाले 82 वर्षीय सीनियर अकाली नेता और पूर्व पंजाब विधानसभा स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल ने जालंधर संसदीय सीट से विजयी ध्वज फहराने से पहले आज सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में जाकर माथा टेका। इस दौरान उन्होंने सरबत के भले के लिए अरदास की। माथा टेकने उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए स. अटवाल ने कहा कि सिखी विरूद्ध प्रचार करने वाले और श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी को नामानने वाले लोगों के पास वोटें मांगने नहीं जाना चाहिए।
इस अवसर पर शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्यों ने चरणजीत सिंह अटवाल को गुरूघर की बख्शीश सिरौपा देकर सम्मानित किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह शिअद अध्यक्ष की उम्मीदों पर जरूर खरा उतरेंगे।
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देश में चुनावी दस्तक के साथ पंजाब में भी 13 लोकसभा संसदीय सीटों के लिए अलग-अलग सियासी पार्टियों ने शतरंज बिछाकर प्यादों की बिसात बिछानी शुरू कर दी, इसी क्रम में आज शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा संसदीय क्षेत्र जालंधर की सीट पूर्व विधानसभा स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल को अकाली-भाजपा संयुक्त प्रत्याशी घोषित किया है। स्मरण रहे कि जालंधर लोकसभा सीट से कांग्रेस के चौधरी संतोख सिंह निवर्तमान सांसद हैं।
स्वयं को पंजाब क े पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के बाद स्वयं को सबसे बड़ा टकसाली आगु मानने वाले स. चरणजीत सिंह अटवाल ने अपने सियासी जीवन की शुरूआत 1957 से की थी और उनका जन्म 15 मार्च 1937 को पाकिस्तान (मोंटगोमरी जिला) में हुआ था। भारत-पाकिस्तान के द्वितीय युद्ध के पश्चात 1977 में पहली बार वह पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह वर्ष 2004 से 2009 तक लोकसभा के डिप्पी स्पीकर रह चुके हैं। इससे पहले वर्ष 1997 से 2002 तक और उसके बाद 2012 से 2017 तक पंजाब विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं। अटवाल आपातकाल के दौरान 1975-77 के बीच जेल भी गए थे।
– सुनीलराय कामरेड