लुधियाना-गुरदासपुर : पंजाब के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर में एक बार फिर सिख संगत द्वारा श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के दोषी करार देते हुए जमकर विरोध किया गया। ताजा मामला जिला गुरदासपुर के गांव छोटेघुॅमन में बाबा हजारा सिंह, छोटेघुॅमन की बरसी समागम के अवसर पर सामने उस वक्त आया है, जब शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल समेत पूर्व केबिनेट मंत्री विक्रम मजीठिया के पधारने पर दीवान में कथा सुन रही संगत में हलचल पैदा हो गई, जब दोनों अकाली नेताओं को अन्य स्थानीय नेताओं के साथ मंच की तरफ जाते देखा।
बाबा बुध सिंह जी की अगुवाई में बाबा हजारा सिंह जी की मनाई जा रही वार्षिक बरसी के इस अवसर पर लोगों ने अपने-अपने तरीके से सुखबीर सिंह बादल और मजीठिया को गुरू घर की बेअदबी के संबंध में दोषी करार देते हुए मुर्दाबाद के नारें लगाकर गुस्से का इजहार किया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विरोधता के स्वर संगत में उस वक्त फूटे, जब प्रबंधकों ने स्वागती मंच से सुखबीर सिंह बादल को जी आया नूं.. कहते हुए मंच पर आने का निमंत्रण दिया।
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इस दौरान सेकड़ों की संख्या में बैठी संगत ने दोनों अकाली नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि प्रबंधकों ने मंच से संगत को शांत रहने की बार-बार अपील भी की, किंतु विभिन्न गुटों में खड़े अधिकांश सिख नौजवानों ने अपनी विरोधता की कार्यवाही को र्निविध्र जारी रखा। सुखबीर सिंह बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया के तीखे विरोध को देखते हुए मोजूद पंजाब पुलिस के डयूटी पर मोजूद अधिकारियों और मुलाजिमों ने दोनों नेताओं को कुछ समय के लिए साथ संलगन कमरे में बेठा दिया। इस दौरान मंच से मंच संचालन करने वाले प्रबंधक सुखबीर सिंह बादल को संबोधन के लिए बार-बार पुकारते दिखे, किंतु सुखबीर सिंह बादल संगत को संबोधित करने के लिए आगे नही बढ़े।
उधर मुर्दाबाद के नारे लगते देख संगत ने कुछ ही मिनटों में पंडाल को खाली कर दिया। जबकि बाबा बुध सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के नेताओं की विरोधता को देखते हुए मंच से ही मुर्दाबाद के नारे लगा रहे सिख संगत को सबक सिखाने की धमकी तक दे डाली। बुध सिंह ने यह भी कहा कि यह मंच उनकी तरफ से तैयार किया गया है, और शिरोमणि अकाली दल से उनका पुराना नाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि बेशक शिरोमणि अकाली दल इस मोजूदा वक्त में संकट से घिरा हुआ है, परंतु उनका साथ वह देते रहेंगे। इसके बाद जब काफी गिनती में संगत चली गई तो बाद में प्रबंधकों ने सुखबीर सिंह बादल को सम्मानित किया। परंतु दोनों अकाली नेताओं में से किसी ने भी मंच से संबोधित नहीं किया।
सुनीलराय कामरेड