लुधियाना-जालंधर : यूनाइटेड बेअदबी की घटनाओं व बहिबलकलां गोलीकांड की रिपोर्ट के विधानसभा में पेश होने के बाद शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल व संयोजक प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखेदव सिंह ढींडसा, एसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ के बाद एसजीपीसी की सदस्य व अकाली दल महिला विंग की वरिष्ठ नेता बीबी किरणजोत कौर ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया तो दूसरी तरफ यूनाइटेड अकाली दल ने जालंधर में आरोप लगाए कि अकाली-भाजपा सरकार के वक्त डेरा सिरसा प्रमुख का विरोध करने पर सैकड़ों सिख आगुओं के ऊपर धारा 295ए के तहत भावनाओं को ठेस पहुंचाने के केस दर्ज करके जेलों में पहुंचा दिए और आज भी 225 सिख आगुओं पर उक्त धारा के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए जाने के अंतर्गत केस चल रहे है।
पार्टी के प्रधान भाई मोकम सिंह, स. वासन सिंह जफरवाल और सतनाम सिंह मनावां ने बातचीत करते कहा कि अकाल तख्त साहिब से डेरा प्रमुख को पंथ से छेका गया था लेकिन बादल सरकार उसी डेरे के प्रमुख के खिलाफ बोलने वाले के ऊपर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के केस दर्ज करते रहे है।
सुखबीर का ट्वीट, पंजाब को पुन: जंग की तरफ धकेल रहे है कैप्टन सरकार
उन्होंने बताया कि सितबंर 2015 में तलवंडी भाई में डेरा प्रमुख की फिल्म का पोस्टर गुरूद्वारा साहिब के दोष में सरकार ने 15 नौजवानों के ऊपर पुलिस ने घॅलखुर्द में केस दर्ज किया जो आज भी चल रहे है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को बेअदबी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के विरूद्ध तुरंत कार्यवाही करके जेल भेजा जाना चाहिए।
जबकि दूसरी तरफ किरनजीत कौर ने आरोप लगाया है कि अकाली दल के मौजूदा नेतृत्व ने पंथक और अकाली दल की ऐतिहासिक परंपराओं को तहस-नहस कर दिया है। बीबी किरणजोत कौर ने कहा कि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिह बादल को अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। अकाली दल को बचाने के लिए इसका नेतृत्व पंथक टकसाली नेताओं के हाथ में दे देना चाहिए।
किरणजोत कौर ने अपनी फेसबुक वॉल पर कड़ी टिप्पणी की है। इसके बाद उनकी वॉल पर अकाली दल की राजनीति को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। अकाली वर्करों ने भी मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ अपनी भड़ास निकालना शुरू कर दी है। मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ सिखों में गुस्साकिरणजोत ने कहा कि अकाली दल अनेक कुर्बानियों के बाद वजूद में आया था।
अवतार सिंह मक्क ड़ के एक इंटरव्यू का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अकाली दल का मौजूदा नेतृत्व अकाली तख्त साहिब को अपने हितों के अनुसार चलाता रहा है। इस के चलते सिखों में गुस्सा है। अकाली दल के लिए जो मौजूदा हालात बन गए हैं उसका एक ही हल है। सुखबीर बादल को सारे प्रकरण व पंथक मर्यादाओं को तहस-नहस करने की खुद जिम्मेदारी लेते हुए अकाली दल के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।