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सुखबीर सिंह बादल ने मारे गए किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का किया वादा

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में सत्ता में आता है तो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में सत्ता में आता है तो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बादल के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अकाली नेता किसानों को ‘मूर्ख ’ बनाने का ‘बेशर्म’ प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने बहुत पहले ही इस पर अमल करना शुरू कर दिया था। सिंह ने एक बयान में कहा कि बादल को टिप्पणी करने से पहले अपने तथ्यों की जांच कर लेनी चाहिए।
बादल ने आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का भी वादा किया। बादल की पार्टी राज्य में अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ेगी।
बादल ने एक ट्वीट में कहा, “आज, मैं पंजाबी लोगों को आश्वस्त करता हूं: 2022 में सत्ता में आने के तुरंत बाद, शिअद-बसपा गठबंधन सरकार किसान आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को सम्मानित करते हुए उनके परिवार को सरकारी नौकरी, उनके बच्चों और पोते-पोतियों को स्नातकोत्तर तक मुफ्त शिक्षा और स्वास्थ्य बीमा कवर देगी।’’
बादल ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए “काले” कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे किसान पिछले सात महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि इस आंदोलन के दौरान 550 से अधिक किसानों की मौत हो गयी है।
उन्होंने कहा कि यदि शिअद-बसपा गठबंधन सत्ता में आता है तो उसका पहला फैसला आंदोलन के दौरान मरने वाले सभी किसानों के परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में किसान विजयी होंगे।
बाद में मुख्यमंत्री सिंह ने बादल की घोषणाओं को खारिज कर दिया और घोषणाओं को उन किसानों को वापस अपनी ओर लाने के लिए ‘आखिरी प्रयास’ करार दिया जो कृषि कानूनों को लेकर उनसे अलग हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने सवाल किया, Òक्या आपको लगता है कि पंजाब के किसान मूर्ख हैं जो आपके हताश बयानों से प्रभावित होंगे।’’
सिंह ने कहा कि उनकी सरकार पहले ही आंदोलन के दौरान मारे गए प्रत्येक किसान के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा दे रही है और आंदोलन के दौरान अब तक मारे गए पंजाब के 237 किसानों में से 191 के परिवारों को कुल 9,46,50,000 रुपये का मुआवजा दिया जा चुका है।

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