विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद एक बार फिर पंजाब कांग्रेस में रार शुरू हो गई। पार्टी के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी पर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में चन्नी को पार्टी के लिए संपत्ति बताने पर बिना नाम लिए अंबिका सोनी पर भी तंज कसा।
जाखड़ ने संबध में ट्वीट करते हुए लिखा, “भगवान का शुक्र है कि चन्नी को सीएम बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाली नेता द्वारा उन्हें राष्ट्रीय संपति घोषित नहीं किया गया। चन्नी शायद उनके लिए संपति होंगे लेकिन वे पार्टी के लिए दायित्व थे जिनके लालच ने उन्हें और पार्टी को चुनाव में नीचे ला दिया। हालांकि बाद में अपने इस ट्वीट पर सुनील जाखड़ को सफाई पेश करनी पड़ी।
कांग्रेस नेता ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मेरे ट्वीट का आइडिया किसी पर कुछ भी आरोप लगाने का नहीं है। सीडब्ल्यूसी में जिस तरह की चाटुकारिता हुई, उसे देखकर निराशा हुई। रिपोर्ट से पता चलता है कि कुछ नेता जो 30 साल तक राज्यसभा सांसद रहे हैं, वे सीडब्ल्यूसी में पंजाब की आवाज होने का दावा कर पार्टी आलाकमान को धोखा दे रहे हैं।
An asset – r u joking ?
Thank God he wasn’t declared a
‘National Treasure’
at CWC by the ‘Pbi’ lady who proposed him as CM in first placeMay be an asset for her but for the party he has been only a liability. Not the top brass,but his own greed pulled him and the party down pic.twitter.com/Lnf6vJgRzF
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) March 14, 2022
उन्होंने कहा कि सीएम पद के लिए चन्नी के नाम की यह सिफारिश इन्हीं लोगों ने की थी। इसे मानने के बजाय राहुल गांधी पर थोपने की कोशिश की जा रही है। पंजाब के लोग बदलाव चाहते थे, लेकिन जिस व्यक्ति को आगे लाया गया, वह तिल में हाथ डालकर फंस गया। यह बदतर उपाय था।
अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण
जाखड़ ने कहा, कांग्रेस कार्यकर्ता किसी ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं जिस पर वे विश्वास कर सकें। सीडब्ल्यूसी में बैठा एक पंजाबी नेता उन्हें (चरणजीत सिंह चन्नी) राष्ट्रीय खजाने के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा है। वह उनके लिए खजाना हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस के लिए नहीं। अगले 5 साल पंजाब और पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।
दरअसल, विधानसभा चुनावों से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद राज्य में नए सीएम चेहरे को लेकर अम्बिका सोनी का नाम भी सामने आया था, लेकिन अम्बिका सोनी ने ये कहते हुए पंजाब की मुख्यमंत्री बनने से इनकार कर दिया है क्योंकि सिख बहुल इस राज्य का मुख्यमंत्री कोई सिख ही होना चाहिए।